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बुधवार, 7 मार्च 2018

तेरी कुड़माई हो गई ?"




तेरी कुड़माई हो गई ?"

... धत्त, 
हो गई तो तुझसे कौन ब्याह करेगा !"

अच्छा, तो करेगी मुझसे शादी ?"

करुँगी, पर तू वादा कर कि तू जीवन भर मेरे संग खुश रहेगा  ... "

ये क्या बात हुई !"

हुई, बात हुई  ... 
चाह तो  है कि पहनूँ लाल चुनरी 
लाल लाल चूड़ियाँ 

नाक की लौंग

पाजेब 

बिछिया 
... पर, बड़ा डर लगता है 
जाने तू कब बदल जाए 
और मैं  ... पागलों की तरह बुदबुदाती रहूँ 
"तेरी कुड़माई हो गई"
और धत्त न कह पाऊँ  ... 


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तू मेरी सोच में उस हद तक
शामिल है
जहां
धरती और आकाश
एक हो जाते हैं 
जानां ......!
# .......#..........#..........#
तेरी भाव तरंगें
छूती हैं मुझे
और
मेरी भाव तरंगें
यक़ीनन
तुझ तक
पहुंचती तो होगी न
जानां ......!
#...........#...........#............#
हर रोज़ ये सोचना
क़े न सोचेंगे तुझे
हर रात आख़िरी पहर तक
तेरे पहलू में रहना
सच !
ये सोच के दायरे भी
कितने अज़ीब है न
जानां......!

3 टिप्पणियाँ:

Aadii ने कहा…

Bahut badhiya collection!

Satish Saxena ने कहा…

वाह , बेहतरीन संकलन , आभार आपका

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति

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