प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
हम लोग अक्सर ही रेल से यात्रा करते है ... और कई बार ऐसा भी देखा है कि आरक्षित बोगी मे यात्रा करते हुये किसी यात्री का कोई समान चोरी चला गया हो | ऐसे मे उस यात्री पर क्या गुजरती होगी उसका तो हम केवल अनुमान ही लगा सकते है ... सब से ज्यादा दुख तब होता है जब रेलवे पुलिस के किसी अधिकारी या टीटीई से शिकायत करने पर मदद मिलना तो दूर ... टका का जवाब मिलता है कि "भाई आपको थोड़ा सावधान रहना चाहिए था ... यात्रा के दौरान तो ऐसा होता ही रहता है |" केवल कागजी खानापूर्ति कर रेलवे अपना पल्ला झाड़ लेती है |
पर अब शायद रेलवे ऐसा न कर पाये ... दैनिक जागरण मे छपी खबर के अनुसार अगर आप रेल की आरक्षित बोगी में यात्रा कर रहे हैं और आपका सामान चोरी हो
जाता है तो आप रेलवे से हर्जाने का दावा कर सकते हैं। रिजर्व कोच में
अनधिकृत व्यक्ति का प्रवेश रोकना टीटीई (टिकट जांचने वाला) की जिम्मेदारी
है और अगर वह इसमें नाकाम रहा तो रेलवे सेवा में खामी का जिम्मेदार है।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के इस फैसले पर
मुहर लगा दी है। अब रेलवे को 17 साल पहले चोरी हुए सामान का दो लाख रुपये
हर्जाना देना होगा।
उम्मीद है यह फैसला बहुतों को राहत पहुंचाएगा |
सादर आपका
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!