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शुक्रवार, 30 मार्च 2018

लायक बेटे की होशियारी

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक दिन एक बहुत बड़े कजूंस सेठ के घर में कोई मेहमान आया!!

कजूंस ने अपने बेटे से कहा,

आधा किलो बेहतरीन मिठाई ले आओ। बेटा बाहर गया और कई घंटों बाद वापस आया।

😊😊

कंजूस ने पूछा मिठाई कहाँ है।

बेटे ने कहना शुरू किया-" अरे पिताजी, मैं मिठाई की दुकान पर गया और हलवाई से बोला कि सबसे अच्छी मिठाई दे दो। हलवाई ने कहा कि ऐसी मिठाई दूंगा बिल्कुल मक्खन जैसी।

फिर मैंने सोचा कि क्यों न मक्खन ही ले लूं। मैं मक्खन लेने दुकान गया और बोला कि सबसे बढ़िया मक्खन दो। दुकान वाला बोला कि ऐसा मक्खन दूंगा बिल्कुल शहद जैसा।

मैने सोचा क्यों न शहद ही ले लूं। मै फिर गया शहद वाले के पास और उससे कहा कि सबसे मस्त वाला शहद चाहिए। वो बोला ऐसा शहद दूंगा बिल्कुल पानी जैसा साफ।

तो पिताजी फिर मैंने सोचा कि पानी तो अपने घर पर ही है और मैं चला आया खाली हाथ।

कंजूस बहुत खुश हुआ और अपने बेटे को शाबासी दी। लेकिन तभी उसके मन में कुछ शंका उतपन्न हुई।

"लेकिन बेटे तू इतनी देर घूम कर आया। चप्पल तो घिस गयी होंगी।"

"पिताजी ये तो उस मेहमान की चप्पल हैं जो घर पर आया है।"

लायक बेटे की होशियारी देख बाप की आंखों मे खुशी के आंसू आ गए ।

🤣🤣🤣😝😝😝

सादर आपका 

~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

कोई यूँ ही नहीं ...!!












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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!!

6 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

देश बन जाये अगर बाप बेटा के हाथ मेंं चला जाये। :)

बढ़िया बुलेटिन।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

आजकल ऐसे लायक बच्चे कहाँ मैन्यूफैक्चर होते हैं!

RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI' ने कहा…

शिवम् मिश्रा जी , आभार, मन को गुदगुदाती पृष्भूमि के साथ सुन्दर प्रस्तुति। इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।

Meena sharma ने कहा…

सादर आभार शिवम मिश्रा जी। ब्लॉग बुलेटिन की प्रस्तुति हमेशा ही अच्छी होती है बेहतरीन रचनाओं के संकलन के साथ। सादर।

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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