नमस्कार दोस्तो,
एक स्व-रचित रचना के साथ आज की बुलेटिन.
आशा है कि दोनों पसंद आयेंगे आपको.
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एहसासों के दीप जलाना, अच्छा है पर कभी-कभी
बीते लम्हे याद दिलाना, अच्छा है पर कभी-कभी.
शब्द तुम्हारे जादू
जैसे, सम्मोहित कर जाते हैं,
दिल को बातों से बहलाना, अच्छा है पर कभी-कभी.
चाँद सितारे, फ़ूल और कलियाँ, तुमको घेरे रहते हैं,
हमें छोड़ सबसे मिल
आना, अच्छा
है पर कभी-कभी.
जो पल गुज़रे संग
में तेरे, यादें बन कर महक रहे,
यादों में आँखें भर
आना, अच्छा
है पर कभी-कभी.
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2 टिप्पणियाँ:
शुभ संध्या...
बेहतरीन रचनाओं का संगम
सादर...
बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।
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