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गुरुवार, 15 नवंबर 2018

इंक्रेडिबल इंडिया के इंक्रेडिबल इंडियंस - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक बार एक पजामा पहने हुए हिन्दुस्तानी से एक अंग्रेज ने पूछा, "आप का यह देशी पैंट (पजामा) कितने दिन चल जाता है?

हिन्दुस्तानी ने जवाब दिया, "कुछ ख़ास नहीं, मै इसे एक साल पहनता हूँ। उसके बाद श्रीमति जी इसको काट कर राजू के साइज़ का बना देती है। फिर राजू इसे एक साल पहनता है। उसके बाद श्रीमति जी इसको काट छांट कर तकियों के कवर बना लेती है। फिर एक साल बाद उन कवर का झाडू पोछे में इस्तेमाल करते हैं।"

अंग्रेज बोला, "फिर फेंक देते होंगे?"

हिन्दुस्तानी ने फिर कहा, "नहीं-नहीं इसके बाद 6 महीने तक मै इस से अपने जूते साफ़ करता हूँ और अगले 6 महीने तक बाइक का साइलेंसर चमकाता हूँ। बाद में मारदडी की हाथ से बनायीं जाने वाली गेंद में काम लेते हैं और अंत में कोयले की सिगडी (चूल्हा) सुलगाने के काम में लेते हैं और सिगड़ी (चुल्हे) की राख बर्तन मांजने के काम में लेते हैं।"

इतना सुनते ही अंग्रेज रफू चक्कर हो गया।

किसी भी चीज का सम्पूर्ण इस्तेमाल कोई हम हिन्दुस्तानियों से सीखे। हमें हिंदुस्तानी होने पर गर्व है।

सादर आपका

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एक ब्रह्मा का अवसान


सांत्वना नागफनी है, गहरे भेदती है

abhishek shukla at वंदे मातरम् 

मैं अपने घर का मेहमान.......


सरदार पटेल की जयंती


...शाम

सु-मन (Suman Kapoor) at अर्पित ‘सुमन’

घूंघट की आड़ में प्रत्याशी

varsha at likh dala

प्रिय तुम तक कैसे मैं आती.....


कोलेस्ट्रॉल कितना चाहिए ,कैसे करें कंट्रोल?


कहाँ सरक गया रेगिस्तान!


ढलती धूप के अंतिम प्रहर में -

प्रतिभा सक्सेना at शिप्रा की लहरें

अतिथि हो कर रह गए हैं हम

Asha Saxena at Akanksha
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अब आज्ञा दीजिए ... 

जय हिन्द !!!

6 टिप्पणियाँ:

अनीता सैनी ने कहा…

गुरुवार, 15 नवंबर 2018
शुभ प्रभात आदरणीय,
ब्लॉग बुलेटिन कि सुन्दर प्रस्तुति,
मुझे स्थान देने के लिए बहुत बहुत आभार,
सादर

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बढ़िया अंक।

Anita ने कहा…

रोचक भूमिका के साथ एक से बढ़कर एक पठनीय रचनाओं की खबर देता बुलेटिन..आभार !

Anuradha chauhan ने कहा…

बेहतरीन रचनाएं सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति

Asha Lata Saxena ने कहा…

मेरी रचना लिंक शामिल करने के लिए धन्यवाद |उम्दा लिंक ओं का संकलन |

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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