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शुक्रवार, 5 अप्रैल 2019

540वीं जयंती - गुरु अमरदास और ब्लॉग बुलेटिन

सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार।
गुरु अमरदास (अंग्रेज़ी: Guru Amardas, जन्म: 5 अप्रॅल, 1479 बसरका गाँव, अमृतसर - मृत्यु: 1 सितम्बर 1574, अमृतसर) सिक्खों के तीसरे गुरु थे, जो 73 वर्ष की उम्र में गुरु नियुक्‍त हुए। वे 26 मार्च, 1552 से 1 सितम्बर, 1574 तक गुरु के पद पर आसीन रहे। गुरु अमरदास पंजाब को 22 सिक्‍ख प्रांतों में बांटने की अपनी योजना तथा धर्म प्रचारकों को बाहर भेजने के लिए प्रसिद्ध हुए। वह अपनी बुद्धिमत्‍ता तथा धर्मपरायणता के लिए बहुत सम्‍मानित थे। कहा जाता था कि मुग़ल शंहशाह अकबर उनसे सलाह लेते थे और उनके जाति-निरपेक्ष लंगर में अकबर ने भोजन ग्रहण किया था। गुरु अमरदास के मार्गदर्शन में गोइंदवाल शहर सिक्‍ख अध्‍ययन का केंद्र बना।


आज सिख गुरु अमरदास जी की 540वीं जयंती पर हम सब उनका स्मरण करते हैं। जय हिन्द। जय भारत।।

~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~













आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।

9 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।

Meena sharma ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति

Meena sharma ने कहा…

सादर धन्यवाद बुलेटिन में स्थान देने हेतु

अनीता सैनी ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
सादर

Digvijay Agrawal ने कहा…

व्वाहहह..
नमन गुरू अमरदास जी को..
शानदार अंक..
आभार..
सादर..

Anuradha chauhan ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति

Anita ने कहा…

गुरू अमरदास को नमन, पठनीय रचनाओं से सजा सुंदर बुलेटिन, आभार !

शिवम् मिश्रा ने कहा…

गुरू अमरदास जी को सादर नमन|

Team ने कहा…

महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
ये भी पढ़ें:- संज्ञा की परिभाषा, भेद और उदाहरण सरलतम रूप में inspired by you

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