प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
आज का विचार :-
प्रणाम |
आज का विचार :-
मिडिल क्लास होना भी एक गौरव की बात है!
ज़िंदगी में कभी बोरियत नहीं होती ... साला कुछ न कुछ टंटा लगा ही रहता है!
अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
सादर आपका
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लोबिया के चीले
इक बंगला बना न्यारा.....
बदजुबानियों का ये युद्ध
हर रात वही किस्सा, मुझमें बाकी है तेरा हिस्सा
वक्त की इबारतें
क्या होना चाहिए क्या नहीं ?
आप बदलो-जग बदलेगा
अजगर - ए - ' आजम '
गर्मी में लोनावला खंडाला रोड ट्रिप
जियो और जीने दो
कुछ ठीक करने का बहाना
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
8 टिप्पणियाँ:
जी बहुत बहुत आभार आपका
मेरी यह रचना , मेरे मन का भाव है, एक पीड़ा है,एक जिज्ञासा भी है।
प्रश्न कुछ लोगों को कड़ुवा भी लग रहा है, फिर भी हिन्दू धर्म इस संदर्भ में क्या कहता है, मार्ग दर्शन की अभिलाषा भी है।
मैं मांसाहार दो कारणों से पसंद नहीं करता एक तो अनावश्यक पशु वध।
दूसरा बड़ा कारण चौरासी लाख योनिया है। कर्म के अनुसार हमारे पूर्वज भी इनमें भटक रहे होंगे।
कहीं बकरे, मुर्गे और मछली के रुप में अपने इन पूर्वजों की हत्या का निमित्त न बन जाऊँ और इनका मांस ग्रहण कर महापाप न कर बैठूँ।
समाधान चाहता हूँ।
प्रणाम।
बढ़िया लिनक्स
बढ़िया प्रस्तुति।
हार्दिक आभार आपका
उम्दा प्रस्तुतीकरण
सुंदर प्रस्तुति
बेहतरीन रचना संकलन एवं प्रस्तुति सभी रचनाएं उत्तम मेरी रचना को स्थान देने के लिए सहृदय आभार आदरणीय शिवम जी
धन्यवाद!
आप सब का बहुत बहुत आभार |
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