Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

बुधवार, 1 अगस्त 2018

जन्म दिवस - मीना कुमारी और ब्लॉग बुलेटिन

सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार। 
मीना कुमारी (1 अगस्त, 1933 - 31 मार्च, 1972) भारत की एक मशहूर अभिनेत्री थीं। इन्हें खासकर दुखांत फ़िल्म में उनकी यादगार भूमिकाओं के लिये याद किया जाता है।1952 में प्रदर्शित हुई फिल्म बैजू बावरा से वे काफी वे काफी मशहूर हुईं।

मीना कुमारी का असली नाम माहजबीं बानो था और ये बंबई में पैदा हुई थीं। उनके पिता अली बक्श भी फिल्मों में और पारसी रंगमंच के एक मँजे हुये कलाकार थे और उन्होंने कुछ फिल्मों में संगीतकार का भी काम किया था। उनकी माँ प्रभावती देवी (बाद में इकबाल बानो), भी एक मशहूर नृत्यांगना और अदाकारा थी जिनका ताल्लुक टैगोर परिवार से था। माहजबीं ने पहली बार किसी फिल्म के लिये छह साल की उम्र में काम किया था। उनका नाम मीना कुमारीविजय भट्ट की खासी लोकप्रिय फिल्म बैजू बावरा पड़ा। मीना कुमारी की प्रारंभिक फिल्में ज्यादातर पौराणिक कथाओं पर आधारित थे। मीना कुमारी के आने के साथभारतीय सिनेमा में नयी अभिनेत्रियों का एक खास दौर शुरु हुआ था जिसमें नरगिस, निम्मी, सुचित्रा सेन और नूतन शामिल थीं।

1953 तक मीना कुमारी की तीन सफल फिल्में आ चुकी थीं जिनमें : दायरा, दो बीघा ज़मीन और परिणीता शामिल थीं।परिणीता से मीना कुमारी के लिये एक नया युग शुरु हुआ। परिणीता में उनकी भूमिका ने भारतीय महिलाओं को खास प्रभावित किया था चूकि इस फिल्म में भारतीय नारियों के आम जिदगी की तकलीफ़ों का चित्रण करने की कोशिश की गयी थी। लेकिन इसी फिल्म की वजह से उनकी छवि सिर्फ़ दुखांत भूमिकाएँ करने वाले की होकर सीमित हो गयी। लेकिन ऐसा होने के बावज़ूद उनके अभिनय की खास शैली और मोहक आवाज़ का जादू भारतीय दर्शकों पर हमेशा छाया रहा।

मीना कुमारी की शादी मशहूर फिल्मकार कमाल अमरोही के साथ हुई जिन्होंने मीना कुमारी की कुछ मशहूर फिल्मों का निर्देशन किया था। लेकिन स्वछंद प्रवृति की मीना अमरोही से1964 में अलग हो गयीं। उनकी फ़िल्म पाक़ीज़ा को और उसमें उनके रोल को आज भी सराहा जाता है। शर्मीली मीना के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि वे कवियित्री भी थीं लेकिन कभी भी उन्होंने अपनी कवितायें छपवाने की कोशिश नहीं की। उनकी लिखी कुछ उर्दू की कवितायें नाज़ के नाम से बाद में छपी।


आज स्वर्गीय मीना कुमारी जी के 85वें जन्मदिवस पर हम सब उनकी शख्सियत और अभिनय को याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं सादर।।


~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~















आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।

6 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर बुधवारीय अंक। आभार हर्षवर्धन आज के बुलेटिन में 'उलूक' की ढोर को जगह देने के लिये।

yashoda Agrawal ने कहा…

शुभ प्रभात हर्ष भाई
बेहतरीन बुलेटिन
सादर

कविता रावत ने कहा…

सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति

शिवम् मिश्रा ने कहा…

स्वर्गीय मीना कुमारी जी की ८५ वीं जयंती पर उनको सादर भावभीनी श्रद्धांजलि|

shreesh rakesh jain ने कहा…

मीना कुमारी हिंदी सिने जगत की एक बेजोड़ अदाकारा हैं। उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि। मेरे ब्लाॅग को शामिल करने के लिए आपका धन्यवाद।

Unknown ने कहा…

aap ka blog bohot achha hai ,boht sare new blog k bare me janne ko milta hai ,thanks

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार