प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
एक तरफ जहां देश की महिलाएं दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म
की शिकार युवती को इंसाफ दिलाने के लिए प्रयासरत हैं, वहीं एक गृहणी ने
'कौन बनेगा करोड़पति' के छठे संस्करण में पांच करोड़ की इनामी राशि जीतकर
इतिहास रच डाला। 12वीं पास चंडीगढ़ की सनमीत कौर ने ऐसा कारनामा कर दिखाया,
जिस पर खुद उनके लिए विश्वास करना मुश्किल था। इस एपिसोड का प्रसारण 12
जनवरी को सोनी चैनल पर किया जाएगा।
सनमीत चंडीगढ़ की रहने वाली हैं, लेकिन पिछले कई सालों से मुंबई के
अंधेरी उपनगरीय इलाके में रहती हैं। सनमीत के पति बॉलीवुड फिल्मों में
छोटी-मोटी भूमिकाएं निभा चुके हैं। पांच करोड़ जीतने पर सनमीत कौर को पहले
तो इस पर यकीन ही नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि विश्वास दिलाने के लिए अमिताभ
बच्चन को मेरे पास आकर मुझे गले लगाना पड़ा। यही नहीं मेरे पति भी मेरे पास
आए और पांच करोड़ रुपये जीतने की बात कही।
घर चलाने में पति की मदद करने के लिए सनमीत बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाती
हैं। उन्होंने बताया कि इनामी रकम का कुछ हिस्सा वह पंजाबी परंपरा के तहत
होने वाले धर्म-कर्म के कार्यो को देंगी। इसके बाद तय किया जाएगा कि बाकी
रकम कहां खर्च की जाए? उनका पूरा परिवार किराये के मकान में रहता है। उनके
पति मनमीत सिंह फिल्मों, धारावाहिक और विज्ञापनों में छोटे-मोटे रोल करते
हैं। हाल-फिलहाल वह 'रब ने बना दी जोड़ी' फिल्म में शाहरुख खान के साथ राजू
गराज वाला के रूप में नजर आए थे। 37 साल की सनमीत दो बेटियों की मां है।
गौरतलब है कि 'केबीसी' के पिछले सीजन में बिहार के सुशील कुमार ने पांच
करोड़ रुपये जीते थे।
यह खबर यहाँ भी है !
सादर आपका
शिवम मिश्रा
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मीडिया की सुर्खियों में मुम्बई की सनमीत
बिहार के सुशील कुमार के बाद मुम्बई की सनमीत कौन साहनी ने पांच करोड़ रुपए जीतकर मीडिया में सुर्खियां बटोर ली है। खासकर सनमीत कौर साहनी ने यह ईनाम राशि उस वक्त जीती है, जब पूरा मीडिया महिलामय हो चुका है। ऐसे में सनमीत कौर साहनी को सुर्खियां मिलना लाजमी है। बीबीसी हिन्दी ने इस ख़बर को *'केबीसी: 12वीं पास महिला ने जीते पाँच करोड़'*हैंडलाइन के साथ प्रकाशित किया है। शायद मीडिया को लगता है कि सामान्य ज्ञान केवल बड़े बड़े डिग्री होल्डर के पास है, तभी तो मीडिया हैंडिंग हैरतजनक बनाया, 12वीं पास महिला ने पांच करोड़ जीत लिए, इस ख़बर के अंदर बताया गया है कि सनमीत कौर साहनी बच्चों को ट्यूश... more »
सुरकंडा देवी मंदिर (Surkanda Devi Temple)
ये यात्रा मैंने दिसंबर,2012 के पहले सप्ताह मे की थी . शुरू से पढ़ने के लिए नीचे क्लिक करे कानाताल की यात्रा कौड़िया जंगल हमारी यात्रा की अगली मंजिल थी सुरकंडा देवी जी दर्शन . सुरकंडा देवी जी का मंदिर धनोल्टी और कानाताल के बीच स्थित है . धनोल्टी और कानाताल के बीच एक जगह है कददुखाल .ये जगह सुरकंडा देवी जाने के लिए बेस कैम्प है . इसी जगह से दो किलो मीटर पहाड़ी पर कठिन चढाई के बाद पर पहाड़ की चोटी (Mountain Top) पर माता का मंदिर है जिसकी ऊँचाई 2903 मीटर है . यू तो कददुखाल से माता का मंदिर यू ही दिखाई देता है , पर दो किलोमीटर की चढाई बहुत ही कठिन और थकाऊ है. ५१ रूपये का प्रसाद... more »
एक आदमी
एक आदमी जिन्दगी से दूर भागे जा रहा है ..। मैदानों से रेतों में पहाडों से खेतों में पाँव बढाये जा रहा है ...। फूलो की चाह नहीं कांटो की परवाह नहीं मुस्कुराये जा रहा है ....। लू चले या बरसात छोड़ कर दुनिया का साथ चुप -चाप आगे जा रहा है ..। उसने देखा नथिया का नखड़ा फिर देख कर घर का झगडा मुँह लटकाये जा रहा है ...। कुत्ते से छीनकर रोटी माता ,खाती बेटी रोती वह आंसू पिये जा रहा है ....। कूड़ेदान से जूठा पत्ता पोंछ -पोंछ भिखमंगा खाता वह भूखा होंठ चबाये जा रहा है ...। चलते -चलते जब शरीर ऐंठ गया भीड़ भरे फुटपाथ पर ही बैठ गया भीड़ के जूतों से कुचला जा रहा है ...। जब थक गई शरीर की हड्डियाँ लगी भिनकने... more »
धृतराष्ट्र मानसिकता
*महाभारत मे द्रोपदि के चीर हरण का प्रसंग आता है * *जिसमे यह विशेष रूप से उल्लेख है कि* *द्रोपदि के चीर हरण का विरोध मात्र जुए मे स्वयम को हार चुके * *पाण्डव हारी हुई मानसिकता के साथ तथा * *कौरवो मे से दुर्योधन का अनुज विकर्ण ही करते है * *कौरव सभा मे उपस्थित शेष महारथी अपने नितान्त निजी कारणो से* *विरोध न कर मूक दर्शक बने बैठे रहते है * *माना कि ध्रतराष्ट्र नैत्रहीन थे परन्तु मूक और बधिर नही थे* *क्या उन्हे द्रोपदि की करूण पुकार सुनाई नही दी * *क्यो उनका कण्ठ अवरुद्ध हो गया**?* *कहने को सम्पुर्ण कुरुसभा मे ध्रतराष्ट्र अन्धे थे * *किन्तु भीष्म **,**द्रोण**,**क्रपाचार्य **,**अश्वत्थामा **... more »
दामिनी के साथ ....एक राष्ट्र की मौत
बात 1975 की है ....बमुश्किल 10 साल उम्र थी मेरी . चंडीगढ़ में रहा करते थे हम लोग .मैं वहाँ चंडी मंदिर के केंद्रीय विद्यालय में 5 वीं क्लास में पढता था . एक सुबह मैं अपने एक सहपाठी के साथ स्कूल जा रहा था .तभी हमने देखा कि एक आदमी साइकिल चलाता अचानक गिर पडा .उसे शायद कोई मिर्गी टाइप दौरा पडा था .वो वहाँ सड़क पे पसर गया .हाथ पाँव ऐंठ गए . हम दो छोटे छोटे बच्चे और उस सुनसान सड़क पे वो भारी भरकम आदमी . खैर किसी तरह हमने उसे सम्हाला .उसके सर में हलकी सी चोट आयी थी . हाथ पैर छिल गए थे . हल्का सा खून भी निकल रहा था .थोड़ी देर बाद वह... more »
डॉo टी एस दराल जी की प्रस्तुति
नीरज जाट जी दिल्ली से सांपला तक साईकिल पर पहुंचे। डॉo टी एस दराल जी इस कवि सम्मेलन में मुख्य अतिथि थे और ठाकुर पद्मसिंह जी कविमण्डली में शामिल थे। 29-12-2012 को सांपला सांस्कृतिक मंच द्वारा आयोजित तीसरा अखिल भारतीय आप सबके आशिर्वाद, मंच सदस्यों के सहयोग और कवियों की प्रस्तुति से सुपरहिट रहा। शाम 7:30 बजे से रात 3:00 बजे तक ठंड में श्रोताओं का कुर्सियों पर जमे रहना इस कार्यक्रम को सफलता प्रदान करता है। दुर्भाग्य से इस बार भी रिकार्डिंग में वीडियो और ऑडियो क्वालिटी अच्छी नहीं है फिर भी प्रस्तुत है डॉo टी एस दराल जीद्वारा हास्य व्यंग्य कविताओं की फुलझडियां
संवेदनाएं जगाने के लिए किसी क़ानून की जरूरत नहीं
दामिनी / निर्भया के साहस और बलिदान ने हमारे देशवासियों को जैसे सोते से जगा दिया है। अब ये बात दीगर है कि कब तक ये आँखें खुली रह पाती है। नए क़ानून का निर्माण , मौजूद कानूनों को सख्ती से लागू करना, दोषियों को कड़ी सजा देना , महिला पुलिस की नियुक्ति जैसी बातें हो रही हैं .कितनी तत्परता से इन्हें लागू किया जाएगा , ये कितनी सफल होगीं .यह तो आने वाला वक़्त ही बतायेगा। पर इस आन्दोलन ने इतना जरूर किया है कि जो विषय परिवार के बीच वर्जित था। जिस पर बात करने से लोग कतराते थे। चर्चा करते भी थे तो बड़े ढंके छुपे शब्दों में ,अब खुलकर इस पर बात हो रही है। कम से कम समाज यह स्वीकार तो कर रह... more »
लक्ष्मण रेखा
*कार्टून साभार श्री सुधीर तैलंग *
दामिनी के बहाने.... कहाँ हैं हम ?
दामिनी,रागिनी ....... अनामिका हम अपने स्थान पर उछल रहे .... !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! दर्द अपनी जगह है - आह ! सत्य अपनी जगह .... यह कटु सत्य जीने नहीं देता ......... जिह्वा कटती है पर बेहतर है मर जाना क्योंकि आत्मा की हत्या करनेवाले दिल दिमाग को कुतरनेवाले साथ साथ चलते हैं ! !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! दामिनी के बहाने जिन शब्दों का बेबाकी से प्रयोग प्रबुद्ध महिलाओं ने किया है वह स्तब्द्ध करता है ! विरोध के लिए वर्जित शब्दों का प्रयोग ज़रूरी तो नहीं ? दुःख के साथ साथ वितृष्णा होती है कर्म कीजिये दूसरों के शब्दों का आदान-प्रदान क्यूँ ? सब पढ़ रहे और सुलग रहे सुलगने का अर्थ य... more »
जिसकी जैसी नज़र ... !!!
शब्दो का अलाव मत जलाओ इनकी जलन से तुम्हारे मन की तपिश शीतलता में नहीं बदलेगी जो शब्द अधजले हैं उनके धुंए से दम घुट जाएगा भावनाओं को आंच पर जिस किसी ने भी रखा है उसकी तपिश से वह भी सुलग गया है भीतर ही भीतर इन भावनाओं की समझ तो है न तुम्हें ये जितना दुलार देती हैं जितना समर्पण का भाव रखती हैं हृदय में उतनी ही निष्ठुर भी हो जाती हैं इनका निष्ठुर होना मतलब पूरी तरह तुमसे मुँह फेर लेना .... भावनाओं को जानना है तो जिन्दगी से पूछना बड़ा ही प्यारा रिश्ता होता है इनका जिन्दगी के साथ ये जन्म से ही आ जाती हैं साथ में फिर मरते दम तक हमारी होकर रह जाती ह... more »
छुट्टियाँ ख़त्म .... बैक टू स्कूल एंड ब्लॉग्गिंग
दो महीने की लम्बी छुट्टियाँ बिताने के बाद में फिर आप सबके बीच लौट आया हूँ । मेरी वेकेशंस बहत मजेदार रहीं । मैं अपनी छुट्टियाँ जयपुर और मुंबई में बिताकर लौटा हूँ । अब स्कूल और ब्लॉग्गिंग फिर से शुरू । तो मिलता रहूँगा आप सबसे अपनी अच्छी बातों और शरारतों के साथ :) आप सभी को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें ...हैप्पी न्यू ईयर
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!
8 टिप्पणियाँ:
बढ़िया लिनक्स का बुलेटिन ...... चैतन्य को शामिल करने का आभार
बधाई और आभार
बहुत ही सुन्दर सूत्र संक्षिप्त किये हैं।
बहुत सुन्दर लिंक्स संजोये हैं।
आप सब का बहुत बहुत आभार !
Sabhi bandhuo ko nav varsh ki shubhkaamanaaye
rachanaadharmitaa ko samrpit stuty prayaas
Sabhi bandhuo ko nav varsh ki shubhkaamanaaye
rachanaadharmitaa ko samrpit stuty prayaas
अनुपम लिंक्स संयोजित किये हैं आपने ... आभार
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