आज सिर्फ़ वनलाइनर ही पेशे खिदमत है , झेलिए
आज बधाइयां स्वीकार की जाएंगी : अच्छा फ़िर तो भर भर के दी जाएंगी
टक्कर का उपाध्यक्ष : और घनचक्कर अध्यक्ष
वाह रे वाह : क्या पोस्ट है
ठहराव बिल्कुल अच्छा नहीं : इसलिए अनवरत चलते रहना चाहिए
काश मेरा देश एक तस्वीर होता : तो फ़्रेम में जड के कहीं टांग देते
हैरां हूं मैं :और परेशान भी
इस पार , और उस पार :एक जैसे पिरधान जी हैं
बिना शीर्षक :भी इत्ती धांसू पोस्ट लिखी जा सकती है
इतवार की वह शाम :जब अचानक ठंड बढ गई
श्रद्धा कब तक आखिर निष्ठावान रहेगी : शरीर में जब तक जान रहेगी
मिडनाइट क्लब : ए सी पी ढोबले ने सारे बंद करा दिए जी
मां और बेटा :एक अटूट , अनोखा रिश्ता
पधार रहे हैं : स्वागत किया जाए
अंधी सरकार , अंधा कानून :जनता भई मुर्गी , भून भाई भून
आसमां पर कोई सितारा है :मगर इसे किसने जमीं पर उतारा है
उसके बाद : किसके बाद
प्रेमकथा जारी है :बांकी सबपे भारी है
चिंताशिविर में आउल बाबा का इमोशनल अत्याचार : सहन करते ही अम्मी रो पडीं
वेलसर गांव का हर्रा टोला : यायावर ने पोटला खोला
इसमें मेरा प्यार मिला हुआ है :तब्बे फ़ूल की तरह खिला हुआ है ।
शुभ रात्रि । अपना ख्याल रखें , खूब लिखें और खूब पढें ।
9 टिप्पणियाँ:
बढियां -पहुँचते हैं आप कितने ही ब्लागों पर !
शुभ रात्रि । अपना ख्याल रखें , खूब लिखें और खूब पढें :))
कुछ झेली ,कुछ झेलनी बाकी है ...
................. :)एक लाईना में भी दम है
जय हो महाराज ... पिछला कसर पूरा कर दिये आज ... जय हो !
बढिया बुलेटिन
सुन्दर प्रयास करें अभिनन्दन आगे बढ़कर जब वह समक्ष उपस्थित हो .
आप भी जाने कई ब्लोगर्स भी फंस सकते हैं मानहानि में .......
बढिया बुलेटिन
कुछ पढ़ने शेष रहे अब..
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