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गुरुवार, 2 अगस्त 2012

एक आध्यात्मिक बंधन :- रक्षाबंधन - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

सभी त्यौहारों में रक्षाबंधन एक अनूठा उत्सव है , जो न तो किसी जयंती से संबंधित है और न ही किसी विजय-राजतिलक से। इस त्यौहार के तीन नाम हैं-रक्षाबंधन, विष तोड़क और पुण्य प्रदायक पर्व। यद्यपि प्रथम नाम अधिक प्रचलित है। दूसरी विलक्षणता है इसके मानाने की विधि। यह विधि बहुत ही स्नेह संपन्न, दिव्यता युक्त व मधुर है। इसे मनाने की सामग्री ही ऐसी है जैसे किसी से कोई बात मनवाने, उससे कोई वचन लेने या उससे अपने संबंधों में पवित्रता और स्नेह लाने के समय प्रयोग की जाती है। स्वाभाविक रूप से मनुष्य को किसी प्रकार का बंधन अच्छा नहीं लगता है। अत: मनुष्य जिस बात को बंधन समझता है वह उससे छूटने का प्रयत्न करता है, लेकिन रक्षाबंधन ऐसा प्रिय बंधन है जो प्रत्येक भाई दूर से चलकर अपनी बहन के इस बंधन में बंधना चाहता है। आज इस त्यौहार को लोग प्राय: या तो एक खुशी की रस्म के तौर पर मना लेते हैं या भाई-बहन के मिलने का अवसर मान लेते हैं। देव भूमि, तपो भूमि, पुण्य भूमि भारत के हर त्यौहार के पीछे कोई न कोई उच्च आध्यात्मिक आदर्श है। यह बंधन ईश्वरीय बंधन है इसलिए प्रत्येक प्राणी खुशी से बंधने के लिए तैयार रहता है।
वास्तव में बंधन शब्द प्रतिज्ञा का प्रतीक है और रक्षा मनोविकारों से बचाव का प्रतीक है। तिलक आत्मिक स्मृति का प्रतीक है और विजय हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। राखी व धागा प्रतिज्ञा में दृढ़ता का प्रतीक है। परस्पर अटूट स्नेह का प्रतीक है, जिससे हमारे मन के विचार, मुख के बोल व कर्म किसी भी विषय विकारों के अधीन न हों। मिठाई जीवन के दिव्य गुणों, मानवीय, नैतिक गुणों का प्रतीक है। खर्च का अर्थ केवल स्थूल धन से नहीं, बल्कि बुराइयों को समाप्त करने से है। जो भी कमजोर संकल्प हमारी उन्नति में बाधक हैं या कोई हमारा ही स्वभाव, संस्कार जो हमें खुशनुमा जीवन नहीं जीने देता उसे समाप्त करना है। रक्षक परमात्मा है, जो बहन और भाई, दोनों की रक्षा करता है। इसलिये कहा जाता है-जाको राखे साईंया मार सकै न कोय, बाल न बांका कर सके, चाहे सब जग बैरी होय। आइए हम सभी आत्मा रूपी भाई परमात्मा के समक्ष प्रतिज्ञा करके राखी के रहस्य को जानकर जीवन सुरक्षित और खुशनुमा बनाएं।

सादर आपका 
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आज की ब्लॉग बुलेटिन मे सब से पहले रक्षाबंधन  पर आई कुछ पोस्टें :-
posted by "रुनझुन" at रुनझुन
*ये रक्षा-बंधन सबसे बड़ा त्यौहार है,* *बंधवा लो राखी, बहना का इसमें प्यार है | * हाँ दोस्तों, आज मैं बात करूँगी उन कच्चे धागों की जो एक भाई और बहन के रिश्ते को बहुत ही मजबूती से बाँध कर रखता है... "रक...

कैसा होता है स्नेह भाई बहन का नहीं जानती कभी उन अहसासों से गुजरी जो नहीं तो कैसे जानूंगी क्या तकरार होती है और क्या प्यार होता है कैसे भाई बहन के लिए और बहन भाई के लिए एक राखी के वचन के लिए खुद को कु...
posted by Mukesh Kumar Sinha at जिंदगी की राहें 
रेशम की डोरी अगर बांधा हो बहना ने तो खुद ब खुद बन जाता है रिश्ता एक अटूट रिश्ता प्यारे से "भाई व बहन" के बीच का जिसमे सिर्फ होती है एक दुसरे के लिए दुआएं | एक अदद डोरी की यही है ताकत | यही है ...
posted by रेखा श्रीवास्तव at मेरा सरोकार 
*राखी के रेशमी तागे का अटूट बंधन* कल रक्षाबंधन है और ये भाई बहन के पवित्र रिश्ते को एक अटूट बंधन में बंधे रहने का मौका होता है। इस दिन सभी भाइयों को जो बहनों के पास होते हैं और जो दूर होते ह... 
रक्षा का बंधन बचपन से लेकर , आज तक तुमको मायके से लेकर ससुराल तक तुमको नही भूली मै राखी का त्यौहार मेरे भईया, दिल से जुड़ेते ये प्रेम के धागे रक्षा का बंधन सिर्फ रक्षा मांगे मुझे नही चाहिए कोई उपहार म...
आज रक्षाबंधन का समय शुरू हो गया है .... वैसे राखी कल बंधेगा .... कल क्या होगा कौन जान सका है .... आज ही क्यों ना अभिव्यक्ति कर लूँ .... मैं दिल का कहना मानती हूँ .... आप सबों ने मेरे उम्र का लिहाज कर संबोध...
posted by पंछी at Hindi Thoughts 
How to Celebrate Raksha Bandhan How to Celebrate Rakhi Ideas for Raksha bandhan Celebration भाई और बहन के पवित्र रिश्ते को celebrate करने का त्यौहार है रक्षाबंधन ( Raksha Bandhan ) . इस... Click On ...
भाई - बहन का रिश्ता खट्टा- मीठा , प्यारा -प्यारा कभी लड़ते, तो कभी झगड़ते .. एक - दूजे की चीजे भी छुपा देते है.. मम्मी - पापा की नाराजगी से बचने के लिए.. एक दूजे पर इल्जाम भी लगा देते है.. पर जब बारी...
posted by Archana at मेरे मन की 
===::@::=== मैं तुझसे लड़ती भी हूँ, झगड़ती भी.. मैं तुझसे बड़ी भी हूँ छोटी भी.. बाँधा है मैंने तुझको शब्दों के बन्धन से... महकता है ये रिश्ता बिना ही चन्दन के डोर ये ऐसी नहीं कि टूट जाए झट से.. चलो अब मुँह ...
posted by AlbelaKhatri.com at Albelakhatri.com
*रक्षा-बन्धन के दोहे........* अधरों पर मुस्कान है, आँखों में उन्माद रक्षा बन्धन आ गया, लेकर नव आह्लाद आजा बहना बाँध दे, लाल गुलाबी डोर तिलक लगा कर पेश कर, मुँह में मीठा कोर राखी के त्यौहार का, आ...
posted by Anupama Tripathi at anupama's sukrity.
कुछ रंग हैं ... जो जीवन हमे देता है ... कुछ रंग हैं .. जो हम स्वयम चुनते हैं ... बुनते हैं ...गुनते हैं ... अपने लिये ...!! रेशम के कुछ धागों से बुन लेते हैं रेशम की डोरी ..... बड़े एह्तियात से ... बुनी ज...
posted by ऋता शेखर मधु at मधुर गुंजन
न स्वार्थ का लेप न इच्छाओं का अवलंबन है चट्टान सा मजबूत भाई-बहन का बंधन मेरी बहना छत्र है तू छाया है तू रेत पर बने हर निशान में दिखती तस्वीर तेरी हर वक्त मेरे लिए बनती है तू कभी कवच कभी ढाल कुछ भी तो चा...
posted by शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' at जज़्बात جذبات Jazbaat
हज़रात.... छह महीने का वक़्त गुज़र गया अपने ही ब्लॉग से दूर हुए... वो जनाब बशीर बद्र साहब ने फ़रमाया है न कुछ तो मजबूरियां रही होंगी.... बहरहाल..आप सबसे दुआओं की गुज़ारिश है आज रक्षा बंधन का पावन पर्व है... इस बा...
posted by अजय कुमार झा at कुछ भी...कभी भी..
मुझे ज्ञात नहीं है कि विश्व के किसी अन्य देश में , भाई बहन के प्रेम , स्नेह और विश्वास का प्रतीक ऐसा कोई पर्व त्यौहार या परंपरा है जैसा कि भारत में रक्षाबंधन का त्यौहार है । यूं तो कहा जाता है कि इस त्य...
posted by ZEAL at ZEAL 
बात-बात पर भैया के साथ झगड़ना मेरी आदत थी। भैया कौन से दूध के धुले हैं, ताली एक हाथ से तो नहीं बजती न, वे भी मुझसे बहुत झगड़ते थे। मुझे मारकर भागना और उन्हें पकड़कर वापस मार पाने की ललक में मैं उनका पीछा क...

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 अब कुछ और अन्य पोस्टें :-  

posted by abhi at मेरी बातें
** मीना कुमारी [1 August 1932 – 31 March 1972] *मीना जी चली गईं..कहती थीं - * * * राह देखा करेगा सदियों तक, छोड़ जाएंगे यह जहां तन्हा *...और जाते हुए सचमुच सारे जहान को तन्हा कर गईं; एक दौर का दौर अपन...
posted by राजेश शर्मा at cgpatal
दफ्तर पहुचने में आज उसे देर हो गई थी. उसके हाथ में एक पौधा (जिसकी डाली तोड़ने पर दूध निकालता है ) था. दरअसल साहब की मांग पर ही वह पौधा लाने चला गया था. जैसे ही वह पहुंचा, साहब भड़क गए. ये आने का समय है...,...
posted by शिवम् मिश्रा at हर तस्वीर कुछ कहती है ...
कार्टून साभार - श्री सतीश आचार्य
posted by हरे प्रकाश उपाध्याय at युग - ज़माना 
सर्वत जमालः अपहरण नहीं, अनबन  लखनऊ से लापता शायर सर्वत जमाल को यूपी पुलिस ने ढूंढ निकाला है। उनका अपहरण नहीं हुआ था, बल्कि वे स्वेच्छा से अपनी पहली पत्नी के पास बस्ती चले गए थे। सोमवार की रात पुलिस ने बस्...
सावन में नैहर की यादें पाँव में जैसे पायल बांधे झूले सखियाँ हंसी ठिठोली मेहँदी राखी चन्दन रोली देह धरी है पिया के घर में मन मैके की देहरी फांदे नभ से बरसे शोर मचाकर नयनन रोके ज़ोर लगाकर आंसू हुए...
posted by Deepti Sharma at स्पर्श 
जिंदगी का ये चौराहा , अपने दम पर गर्वित हाथ फैलाये खड़ा ,कुछ इठलाकर , सोचे कि मंजिल दिखता है सबको राह बताता है । जिंदगी के इस चौराहे पर कितनी ही गाड़िया आती चली जाती हैं , फिर बचती है बस वो सूनी खाली राह , ...
posted by Dr. Subhash Rai at बात-बेबात 
 युवा कवि कुमार अनुपम को उनकी कविता कुछ न समझे खुदा करे कोई के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार मिला है। यह कविता प्रतिलिपि में प्रकाशित हुई थी। वहीं से साभार प्रस्तुत है। (अवाँगार्द की डायरी से बेतरतीब सतरे...
posted by Navin C. Chaturvedi at ठाले बैठे 
मरमरी बाँहों पे इस ख़ातिर फ़िदा रहता हूँ मैं इन के घेरे में गुलाबों सा खिला रहता हूँ मैं फैलने के बावजूद उभरा हुआ रहता हूँ मैं नैन-का-जल हूँ सो आँखों में सजा रहता हूँ मैं तेरे दिल में रहने से मुझको नहीं कोई...
लोग कहते हैं कि मुम्बई कभी सोती नहीं, जब देखो तब जागती ही मिलेगी। क्या सचमुच मुम्बई जागती रहती है दिन-रात ?मुम्बई जागती रहती है तो उस दिन क्यों सो गयी थी जब कसाब ने कसाई बन कर मुम्बई को तबाह करने की ज़ुर्रत...
posted by सचिन लोकचंदानी at हमदम 
*एक *किसान बहुत बूढ़ा होने के कारण खेतों में काम नहीं कर सकता था। वह सारा दिन खेत के किनारे पेड़ की छाँव में बैठा रहता| उसका बेटा खेत में काम करता रहता और रह-रह के सोचता कि उसके पिता का जीवन अब व्यर्थ ...
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पहले तुम - अपना पेट ठूंस-ठूंस के भर लो ! हमें तो - आदत है भूखे रहने की ? अनशन की ... हम मरेंगे नहीं, आठ-दस दिनों में !! पर हाँ, डर है कि - कहीं तुम भूखे रहने पर मर न जाओ, आठ-दस घंटों में ?? ...
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कुछ दोस्त मिलकर डेल्ही घूमने का प्रोग्राम बनाते है और रेलवे स्टेशन से बहार निकलकर एक टेक्सी किराए पर लेते है , उस टेक्सी का ड्राइवर बुढ्ढा सरदार था, यात्रा के दौरान बच्चो को मस्ती सुजती है और सब दोस्त मिलक...
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  नाम बड़े दर्शन छोटे -काका हाथरसी नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ और शक्ल-अक्ल कुछ और, नैनसुख देखे काने बाबू सुंदरलाल बनाए ऐंचेताने कहँ ‘काका’ कवि, दयाराम जी मारें मच्...
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* * *(ओलम्पिक खेलों में भारत की झोली में कितने पदक आयेंगे यह तो आने वाले कुछ दिनों में पता चल ही जायेगा, लेकिन लन्दन ओलम्पिक के आयोजकों ने भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के न्यायप्रिय, स्वाभिमानी और जनपक...

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ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम की ओर से आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर बहुत बहुत हार्दिक बधाइयाँ और शुभकामनाये | 

जय हिन्द !!

27 टिप्पणियाँ:

ZEAL ने कहा…

शिवम् जी , रक्षाबंधन की इतनी सुन्दर प्रस्तुतियों को पढ़कर मन भावुक हो गया। आपको एवं ब्लॉग-बुलेटिन की पूरी टीम को भाई-बहन की इस पवित्र-पावन त्यौहार की अनेक शुभकामनाएं।

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

रक्षाबंधन की सबको हार्दिक शुभकामनायें ..... बहुत सुंदर और बहुत सारे लिंक्स सहेजे हैं .... अब जाते हैं धीरे धीरे सब पर ... आभार

बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरना ने कहा…

रक्षाबन्धन पर नवीनता लिये हुये आपके विचार प्रेरक हैं ....
इस गुलदस्ते के लिये साधुवाद! एक-एक कर देख रहा हूँ आपकी राखियाँ

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

रक्षाबंधन की ब्लॉग बुलेटिन टीम को हार्दिक शुभकामनायें ...

मेरी रचना को रक्षाबँधन पर्व पर ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए
आभार,,,,,

Archana Chaoji ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन की पूरी टीम को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ...
@ शिवम का गिफ़्ट पसंद आया...शुक्रिया.... :-)

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

मेरी पोस्ट का कतरा सहेजने के लिए बहुत आभार शिवम जी !!
आपको और पूरी ब्लॉग बुलेटिन टीम को रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएँ !!
मनमोहक प्रस्तुति...सभी लिंक्स पर जाऊँगी एक एक करके|

shanker ने कहा…

शिवम् जी , रक्षाबंधन की इतनी सुन्दर प्रस्तुति को पढ़कर मन भावुक हो गया। आपको इस पवित्र-पावन त्यौहार की अनेक शुभकामनाएं।

कडुवासच ने कहा…

bahut sundar ... shaandaar-jaandaar ... jay ho !!

कडुवासच ने कहा…

sabhee ko badhaai va shubhakaamanaayen ...

मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा…

रक्षाबंधन त्यौहार की अनेक शुभकामनाएं।

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन अवसर पर बहुत-बहुत हार्दिक बधाइयाँ और बहुत-बहुत शुभकामनायें .... !!
बहुत-बहुत आभार .... !!

अजय कुमार झा ने कहा…

वाह शिवम भाई < आज के दिन इससे खूबसूरत पन्ना और कोई नहीं हो सकता था । बहुत बहुत शुक्रिया सब भाई बहनों को यहां मिलाने के लिए बहुत बहुत आभार आपका

मुकेश पाण्डेय चन्दन ने कहा…

रक्षाबंधन की ब्लॉग बुलेटिन टीम को हार्दिक शुभकामनायें !

मेरी रचना को रक्षाबँधन पर्व पर ब्लॉग बुलेटिन में शामिल करने के लिए
आभार .
http://bebkoof.blogspot.in/search/label/%E0%A4%B0%E0%A5%8B%E0%A4%9A%E0%A4%95%20%E0%A4%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B8

Maheshwari kaneri ने कहा…

रक्षाबंधन की ब्लॉग बुलेटिन टीम को हार्दिक शुभकामनायें !..

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

बहुत ही सुन्दर सूत्र..

vandana gupta ने कहा…

बहुत ही सुन्दर बुलेटिन .............रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाये

रुनझुन ने कहा…

आप सभी को रक्षाबंधन की ढेर सारी शुभकामनाएँ !!!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

बहुत सुन्दर!!

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

बहुत बढ़िया बुलेटिन
बुलेटिन के सभी सदस्य को बहुत बहुत शुभकामनाये...
:-)

शाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद'' ने कहा…

Thanx...
bahut bahut badhaee

abhi ने कहा…

Thanks bhaiya :) :)

Anupama Tripathi ने कहा…

राखी की शुभकामनायें शिवम ...आभर मेरी रचना यहा है ...!!

Sumit Pratap Singh ने कहा…

बुलेटिन बढ़िया है
रक्षा बंधन की शुभकामनाएँ...

राजेश शर्मा ने कहा…

भाई-बहन के इस पावन पर्व रक्षाबंधन पर आप आप सभी को बहुत-बहुत हार्दिक बधाइयाँ और बहुत-बहुत शुभकामनायें .

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं।

Asha Lata Saxena ने कहा…

बहुत सी लिंक्स और राखी विषयक चर्चा |
इस अवसर पर हार्दिक शुभ कामनाएं |

वाणी गीत ने कहा…

पावन पर्व के ढेरों उम्दा लिंक ...
बहुत शुभकामनायें !

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