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सोमवार, 24 जून 2019

ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 (पहला दिन) कविता





प्रतीक्षा की घड़ियाँ खत्म हुईं, ब्लॉग के ऊपर छाए घने बादल बरस गए हैं, सोंधी खुशबू और सतरंगे इंद्रधनुष के साथ ये ब्लॉग बुलेटिन आपके सामने है । एहसासों की नदी एहसासों के समंदर से मिलने को आतुर है - लेखक और पाठक की अविस्मरणीय यात्रा शुरू हो गई है अपने साहित्यिक पड़ाव के लिए ।
शंखनाद के साथ आप सबका स्वागत है ।...

मन पाए विश्राम जहाँ 

अनीता निहलानी का एक जाना माना ब्लॉग है।  उनकी एक सशक्त कविता के साथ हम आज से चलनेवाली प्रतियोगिता का आरम्भ करते हैं। 


कितना नीर बहा अम्बर से
कितने कुसुम उगे उपवन में,
बिना खिले ही दफन हो गयीं
कितनी मुस्कानें अंतर में !

कितनी धूप छुए बिन गुजरी
कितना गगन न आया हिस्से,
मुंदे नयन रहे कर्ण अनसुने
बुन सकते थे कितने किस्से !

कितने दिवस डाकिया लाया
कहाँ खो गये बिन बाँचे ही,
कितनी रातें सूनी बीतीं
कल के स्वप्न बिना देखे ही !

नहीं किसी की राह देखता
समय अश्व दौड़े जाता है,
कोई कान धरे न उस पर
सुमधुर गीत रचे जाता है !



30 टिप्पणियाँ:

vandana gupta ने कहा…

वाह ........बढ़िया शुरुआत ..........सराहनीय प्रयास

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

बहुत समय बाद अनिता जी को पढ़ा । आभार इस अवसर के लिए ।

रंजू भाटिया ने कहा…

बेहतरीन बहुत बढ़िया

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत सुंदर

अजित गुप्ता का कोना ने कहा…

बहुत श्रेष्ठ रचना।

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

वाह! पुराने दिन लौटा लाया ब्लॉग बुलेटिन...प्रारम्भ शानदार कविता से।

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

वाह! पुराने दिन लौटा लाया ब्लॉग बुलेटिन...प्रारम्भ शानदार कविता से।

Anita ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन के इस आयोजन का आरंभ 'मन पाए विश्राम जहाँ से' होगा, इसकी तो मैंने कल्पना भी नहीं की थी, इस अनुपम सौगात के लिए बहुत बहुत आभार रश्मिप्रभाा जी !

shikha varshney ने कहा…

अच्छी शुरुआत.

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

रश्मि जी बहुत उम्दा प्रयास है . आपको ढेरो शुभकामनाएं . अनीता जी पुरानी ब्लोगर हैं . कविता भी अच्छी है

संजय भास्‍कर ने कहा…

ढेरो शुभकामनाएं....प्रारम्भ शानदार कविता से

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

बहुत खूब दीदी . शुभारम्भ अच्छी रचना से . अनीता जी जितनी सहृदया और संवेदनशील रचनाकार हैं उससे कहीं बड़ी पाठक हैं . वे दूसरों की रचनाएं पूरे ध्यान से पढ़तीं हैं और टिप्पणी करतीं हैं .

yashoda Agrawal ने कहा…

व्वाहहहह...

Pammi singh'tripti' ने कहा…

शानदार शुरुआत..

Shashi Padha ने कहा…

बहुत सुन्दर , संग्रहणीय रचना ।

Preeti 'Agyaat' ने कहा…

अशेष शुभकामनाएँ

Archana Chaoji ने कहा…

अहा! सुन्दर शुरुआत... शुभकामनाएं

Meena sharma ने कहा…

मैं अनिताजी के लेख नियमित रूप से पढ़ती हूँ। जीवन के प्रति उनके व्यापक दृष्टिकोण ने मेरा मन मोह लिया है।

विश्वमोहन ने कहा…

सुंदर।

Sadhana Vaid ने कहा…

अनीता जी को पढ़ना सदैव एक अत्यंत सुखद अनुभूति है ! बहुत सुन्दर रचना से शुभारम्भ ! हार्दिक शुभकामनाएं !

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप के चयन पर तो कभी किसी को कोई भी संदेह नहीं रहा है ... हर बार आप ब्लॉग जगत के इस सागर से अनमोल मोती चुन लाती हो |

आप की इस लगन को सादर नमन |

ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 के सभी प्रतिभागियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं |

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अनीता जी निरंतर ब्लॉग पर लिखती रहती हैं और मैं तो उनके ब्लॉग पर अक्सर जा कर प्रेरणा लेता हूँ उनकी चमत्कारी लेखनी से ... दार्शनिक पक्ष को बाखूबी अपनी लेखनी से लिखना उनका एक उज्वल पक्ष है ... बहुत शुभकामनायें ...

Anita ने कहा…

आप सभी का हृदय से आभार !

सदा ने कहा…

बेहद सराहनीय प्रयास ... और उस पर अनीता जी की बेजोड़ रचना ...अद्भुद संगम
अनंत शुभकामनाएं
🙏🏻🙏🏻 सादर

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

अनीता जी की कविताएँ एक सरस बहाव लिये होती हैं और इनके समस्त आलेख एक कविता का फ्लेवर लिये हुये. अध्यात्म के सुगंध से सुवासित इनकी प्रतिनिधि रचना के लिये मेरा साधुवाद! मेरी विलम्बित उपस्थिति की क्षमा याचना सहित!

Anuradha chauhan ने कहा…

बेहद सराहनीय पहल बहुत सुंदर प्रस्तुति

संध्या शर्मा ने कहा…

शानदार शुभारंभ.... सराहनीय पहल

उषा किरण ने कहा…

बहुत सुंदर शुरुआत ...सुंदर रचना👌👌

आनंद प्रवीण ने कहा…

वाह, जवाब नहीं। बहुत सुन्दर कविता।

Anita ने कहा…

आप सभी का हृदय से आभार !

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