शनिवार, 1 जून 2019
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
लेखागार
-
▼
2019
(268)
-
▼
जून
(30)
- ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 (...
- ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 (...
- ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 (...
- ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 (...
- ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 (...
- ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 (...
- ब्लॉग बुलिटेन-ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019 (...
- अमर शहीद राजेन्द्रनाथ लाहिड़ी जी की ११८ वीं जयंती ...
- रहा गर्दिशों में हरदम: २४५० वीं ब्लॉग बुलेटिन
- अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2019 - ब्लॉग बुलेटिन
- जमीनी काम से ही समस्या का समाधान : ब्लॉग बुलेटिन
- तजुर्बा - ए - ज़िन्दगी - ब्लॉग बुलेटिन
- वीरांगना रानी झाँसी को नमन : ब्लॉग बुलेटिन
- नाम में क्या रखा है - ब्लॉग बुलेटिन
- पितृ दिवस की शुभकामनाएं
- क्यों उतर आती अप्सराएं आसमान से....
- रक्तदान करके बनें महादानी : ब्लॉग बुलेटिन
- जाँबाज मनोज तलवार को सादर नमन : ब्लॉग बुलेटिन
- १२ जून - विश्व बालश्रम दिवस और हम - ब्लॉग बुलेटिन
- 122वीं जयंती - राम प्रसाद 'बिस्मिल' और ब्लॉग बुलेटिन
- गिरीश कर्नाड साहब को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम
- ब्लॉग बुलेटिन - ब्लॉग रत्न सम्मान प्रतियोगिता 2019
- सामाजिक असुरक्षा के साये में कल्याणकारी योजनाओं का...
- क्यों है यह हाल मेरे (प्र)देश में - ब्लॉग बुलेटिन
- बच्चों का बचपना गुम न होने दें : ब्लॉग बुलेटिन
- 5 जून - विश्व पर्यावरण दिवस - ब्लॉग बुलेटिन
- जागना होगा, जिंदा बने रहने के लिए : ब्लॉग बुलेटिन
- इस मौसम में रखें बच्चो का ख़ास ख़्याल - ब्लॉग बुलेटिन
- हिंदी ब्लॉगिंग में व्यंग्य लेखन....
- शब्दों का अर्घ्य
-
▼
जून
(30)
9 टिप्पणियाँ:
एहसासों के ब्रह्ममुहूर्त में,
शब्दों का अर्घ्य देती हूँ ।
जो भी ईश्वर मुझे देगा,
मेरे बच्चे उसको अर्थवान बनाएंगे --- माँ की भावनाएं निर्मल मन लिए यूँ ही निरन्तर जप करती रहती हैं
बेहतरीन लिंक्स एवम प्रस्तुति
सादर आभार
अनुभव तो सभी को होते हैं, अच्छे-बुरे सभी तरह के, पर कोई कोई ही उन अनुभवों को शब्दों में व्यक्त भी कर सकता है..ताकि कोई और भी यदि सचेत होना चाहे तो हो जाये. पठनीय रचनाओं से सजा सुंदर बुलेटिन, आभार !
रोज़ा और नमाज की घालमेल पढ़कर मन भीग गया..धर्म के नाम पर व्यर्थ की लड़ाई करने वाले कभी भी धर्म का मर्म नहीं जान सकते
वेहतरीन बुलेटिन
जो भी ईश्वर मुझे देगा,
मेरे बच्चे उसको अर्थवान बनाएंगे
सादर...
एक रोज़ा ऐसा भी..... कितनी मासूमियत, कितना निर्मल मन !!!
जाने कहाँ गए अब ऐसे लोग !
शब्दों का अनमोल अर्ध्य आज के समय में अधिक अर्थवान हो उठा है. एक रोजा भी अनूठा है.
स्वयं का भी लिखकर भूला हुआ स्मरण हुआ.
सभी लिंक्स शानदार
आभार!
एहसासों के ब्रह्ममुहूर्त में,
शब्दों का अर्घ्य देती हूँ ।
...... वाह! बहुत सुंदर और सारगर्भित।
जय हो रश्मि दीदी ... जय हो |
Aapki Post Acchi Hoti Hai Ek Baar aap https://www.guideinhindi.com/ jarur dekh kar apne vichar vyakt kare dhanyavad
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!