नमस्कार
साथियो,
आपाधापी
के उस दौर में जबकि इन्सान हँसना भूल सा गया है, हास्य के नाम पर फूहड़ता दिखाई जा
रही है, व्यंग्य के नाम पर व्यक्तिगत आक्षेप लगाये जा रहे हैं ऐसे समय में स्वस्थ,
स्वच्छ कार्यक्रमों द्वारा हंसाने का काम जसपाल भट्टी द्वारा किया गया. उन्होंने
अपने कॉलेज के दिनों से ही अपने नुक्कड़ नाटक नॉनसेंस क्लब से भ्रष्टाचार और
नेताओं का बहुत ही मनोरम अंदाज़ में मज़ाक बनाना शुरू किया था. वे सिर्फ हास्य कलाकार
नहीं थे बल्कि जीवन की विसंगतियों पर चुटीली टिप्पणियां करने वाले गंभीर व्यंग्यकार
थे. उन्होंने महंगाई, भ्रष्टाचार, नेताओं
के पाखंड सहित अनेक मामलों पर कार्यक्रमों का निर्माण किया. उनके लोकप्रिय होने की
वजह थी वे मध्यम वर्ग के मुद्दों को बहुत ही दिलचस्प अंदाज़ में उठाते थे. दूरदर्शन
पर उनके कार्यक्रम फ़्लॉप शो और उल्टा−पुल्टा तो बेहद चर्चित हुए थे.
बाद में उन्होंने और उनकी पत्नी सविता ने टीवी के रियलिटी शो नच बलिये में भी
भाग लिया था. यहाँ भी उन्होंने अपने नृत्य एवं हास्य के ज़रिये दर्शकों का स्वस्थ मनोरंजन
किया था.
3 मार्च
1955 को अमृतसर में जन्मे जसपाल भट्टी ने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर
की उपाधि प्राप्त की. टेलीविजन में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत करने से पूर्व वह चंडीगढ़
से प्रकाशित द ट्रिब्यून में कार्टूनिस्ट थे. उन्होंने पंजाब पुलिस पर करारा
व्यंग्य करते हुए माहौल ठीक है का निर्देशन किया था. उनका यह पहला निर्देशन
बहुत चर्चित रहा. छोटे परदे पर लगातार सक्रिय रहने वाले जसपाल भट्टी ने कई फिल्मों
में भी अभिनय किया. उनकी अंतिम फ़िल्म पॉवर कट है जो पंजाब में लगातार की जाने
वाली बिजली कटौती पर आधारित है. वे अपनी इसी फ़िल्म के प्रमोशन के लिए भठिंडा से जालंधर
अपनी टीम के साथ जा रहे थे. रास्ते में शाहकोट के पास 25 अक्टूबर 2012 को तड़के लगभग
तीन बजे एक सड़क हादसे में 57 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया.
आज
उनकी पुण्यतिथि पर बुलेटिन परिवार की तरफ से विनम्र श्रद्धांजलि सहित आज की
बुलेटिन प्रस्तुत है.
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5 टिप्पणियाँ:
नमन और श्रद्धांजलि जसपाल जी भट्टी के लिये उनकी पुण्यतिथी पर।
जसपाल भट्टी में प्रतिभा बेमिशाल थी। उनको पुण्यतिथि पर हमारी विनम्र श्रद्धांजलि। ब्लॉग बुलेटिन का प्रभावशाली अंक। मेरी रचना को शामिल करने के लिये सादर आभार। सभी चयनित रचनाकारों को बधाई एवं शुभकामनाऐं।
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
जसपाल भट्टी जी को उनकी पुण्यतिथि पर विनम्र श्रद्धांजलि!
अश्रुपूरित श्रद्धांजली..
सादर.
ब्लॉग बुलेटिन सराहनीय है... ऐसे में जब जीवन से हास-परिहास कम हो रहा है तो जसपाल भट्टी को याद करना जरूरी है, जिन्होंने हंसने के न जाने कितने मौके देने की कोशिश की है
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