प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
आज १४ अक्तूबर है ... आज ही के दिन सन १९५० में सेकेण्ड लेफ्टिनेन्ट अरुण खेतरपाल का जन्म हुआ था | आइये जानते है इन के बारे में ...
सेकेण्ड लेफ्टिनेन्ट अरुण खेतरपाल परमवीर चक्र (14 अक्टूबर 1950 – 16 दिसम्बर 1971), भारतीय सेना
के एक अधिकारी थे जिन्हें दुश्मन के सामने बहादुरी के लिए भारत का
सर्वोच्च सैन्य अलंकरण परमवीर चक्र मरणोपरान्त प्रदान किया गया था। खेतरपाल
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अद्भुत पराक्रम दिखाते हुए वे वीरगति को प्राप्त हुए थे।
प्रारम्भिक जीवन
अरुण खेतपाल का जन्म 14 अक्टूबर 1950 को पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था। उनके पिता लेफ्टिनेंट कर्नल (बाद में ब्रिगेडियर)
एम एल खेतरपाल भारतीय सेना में कोर ऑफ इंजीनियर्स अधिकारी थे। लॉरेंस
स्कूल सनवार में जाने के बाद उन्होंने खुद को एक सक्षम छात्र और खिलाड़ी के
रूप में प्रस्तुत किया था। खेतरपाल जून 1967 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी
में शामिल हुए। वह फॉक्सट्रॉट स्क्वाड्रन से संबंधित थे जहां वह 38वें
पाठ्यक्रम के स्क्वाड्रन कैडेट कैप्टन थे। उनकी एनडीए संख्या 7498/एफ/38 थी
वह बाद में भारतीय सैन्य अकादमी में शामिल हो गए। 13 जून 1971 में खेतपाल
को 17 पूना हार्स में नियुक्त किया गया था।
सैन्य जीवन
खेतरपाल ने अपना सैन्य जीवन 13 जून 1971 को शुरू किया था और 16 दिसम्बर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 17 पूना हार्स को भारतीय सेना के 47वीं इन्फैन्ट्री ब्रिगेड की कमान के अंतर्गत नियुक्त किया गया था। संघर्ष की अवधि के दौरान 47वीं ब्रिगेड शकगढ़ सेक्टर में ही तैनात थी। 6 माह के अल्प सैन्य जीवन में ही इन्होने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
खेतरपाल ने अपना सैन्य जीवन 13 जून 1971 को शुरू किया था और 16 दिसम्बर 1971 को भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान 17 पूना हार्स को भारतीय सेना के 47वीं इन्फैन्ट्री ब्रिगेड की कमान के अंतर्गत नियुक्त किया गया था। संघर्ष की अवधि के दौरान 47वीं ब्रिगेड शकगढ़ सेक्टर में ही तैनात थी। 6 माह के अल्प सैन्य जीवन में ही इन्होने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया।
सम्मान
सेकेण्ड लेफ्टिनेन्ट अरुण खेतरपाल के अद्वितीय बलिदान व समर्पण के लिए इन्हें भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस 1972 को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया जो 16 दिसम्बर 1971 से प्रभावी माना गया।
सेकेण्ड लेफ्टिनेन्ट अरुण खेतरपाल के अद्वितीय बलिदान व समर्पण के लिए इन्हें भारत सरकार द्वारा गणतंत्र दिवस 1972 को मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया जो 16 दिसम्बर 1971 से प्रभावी माना गया।
ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से परमवीर चक्र विजेता अमर शहीद सेकेण्ड लेफ्टिनेन्ट अरुण खेतरपाल जी को सादर नमन |
सादर आपका
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विवशता
अस्मिता के योद्धाओं का सम्मान
गाए हमने गीत बहुत ....
नग्नता और यौनिकता का बोलबाला
दलित और गरीब को मीटू हैशटैग नहीं लगाना पड़ता
धृतराष्ट्र थे जन्मांध,
साईकिल पर कोंकण यात्रा भाग १: प्रस्तावना
३२८.जड़ें
सहारा दफ्तर में नक्सली
क्रांतिकारियों की शक्ति स्रोत - दुर्गा भाभी की १९ वीं पुण्यतिथि
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अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
4 टिप्पणियाँ:
परमवीर चक्र विजेता अमर शहीद सेकेण्ड लेफ्टिनेन्ट अरुण खेतरपाल को नमन। सुन्दर रविवारीय बुलेटिन।
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति ,,
अमर शहीद को नमन
बहुत ही सुंदर संकलन
आप सब का बहुत बहुत आभार |
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