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गुरुवार, 2 मई 2019

2400वीं बुलेटिन - स्व. सत्यजीत रे जी 98वीं जयंती

सभी हिंदी ब्लॉगर्स को नमस्कार। 
सत्यजित राय / सत्यजित रे / शॉत्तोजित रॉय (अंग्रेज़ी: Satyajit Ray, जन्म:2 मई, 1921 - मृत्यु: 23 अप्रॅल, 1992) बीसवीं शताब्दी के विश्व की महानतम फ़िल्मी हस्तियों में से एक थे, जिन्होंने यथार्थवादी धारा की फ़िल्मों को नई दिशा देने के अलावा साहित्य, चित्रकला जैसी अन्य विधाओं में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। सत्यजित राय प्रमुख रूप से फ़िल्मों में निर्देशक के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन लेखक और साहित्यकार के रूप में भी उन्होंने उल्लेखनीय में ख्याति अर्जित की है। सत्यजित राय फ़िल्म निर्माण से संबंधित कई काम ख़ुद ही करते थे। इनमें निर्देशन, छायांकन, पटकथा, पार्श्व संगीत, कला निर्देशन, संपादन आदि शामिल हैं। फ़िल्मकार के अलावा वह कहानीकार, चित्रकार और फ़िल्म आलोचक भी थे। सत्यजित राय कथानक लिखने को निर्देशन का अभिन्न अंग मानते थे। सत्यजित राय ने अपने जीवन में 37 फ़िल्मों का निर्देशन किया, जिनमें फ़ीचर फ़िल्में, वृत्त चित्र और लघु फ़िल्में शामिल हैं। इनकी पहली फ़िल्म 'पाथेर पांचाली' को कान फ़िल्मोत्सव में मिले “सर्वोत्तम मानवीय प्रलेख” पुरस्कार को मिलाकर कुल ग्यारह अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। विश्व में भारतीय फ़िल्मों को नई पहचान दिलाने वाले सत्यजित राय भारत रत्न (1992) के अतिरिक्त पद्म श्री (1958), पद्म भूषण (1965), पद्म विभूषण (1976) और रेमन मैग्सेसे पुरस्कार (1967) से सम्मानित हैं। विश्व सिनेमा में अभूतपूर्व योगदान के लिए सत्यजित राय को मानद 'ऑस्कर अवॉर्ड' से अलंकृत किया। इसके अलावा उन्होंने और उनके काम ने कुल 32 राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार प्राप्त किये।


विश्व सिनेमा के पितामह माने जाने वाले महान् निर्देशक अकीरा कुरोसावा ने राय के लिए कहा था "सत्यजित राय के बिना सिनेमा जगत वैसा ही है जैसे सूरज-चाँद के बिना आसमान"


हमारी ब्लॉग बुलेटिन टीम 2400वीं बुलेटिन के माध्यम से आज स्व॰ सत्यजित रे जी की 98वीं जयंती के अवसर पर हम सब उनको शत शत नमन करते है। सादर।।


~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~ 












आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।। 

6 टिप्पणियाँ:

अनीता सैनी ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति 👌
सादर

विभा रानी श्रीवास्तव ने कहा…

हार्दिक आभार
उम्दा प्रस्तुतीकरण

Bharat Bhushan ने कहा…

आपका आभार. आपके इस सार्थक प्रयास से बढ़िया पठनीय सामग्री मिल जाती है.

शिवम् मिश्रा ने कहा…

सभी पाठकों और पूरी बुलेटिन टीम को 2400 वीं पोस्ट की हार्दिक बधाइयाँ |

ऐसे ही स्नेह बनाए रखिए |


Anuradha chauhan ने कहा…

सुंदर प्रस्तुति

Manoj Kumar ने कहा…

आपका आभार...सुंदर प्रस्तुति

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