प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
क्या आप जानते है कि पुलिस और पत्नी में कुछ समानताऐं पाई जाती हैं ... आइये आपको बताते हैं ...
1. ना इनकी दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी।
2. इनसे बनाकर रखना मजबूरी है।
3. इनका पता नहीं कब बिगङ जाऐं।
4. अगर ये प्यार से बात करे तो अलर्ट हो जाऐं।
5. दोंनों ही खतरनाक धमकी देते हैं।
6. इनसे बहस में जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
7. ये पहला हिसाब याद रखते हैं।
8. अपने राज कभी नहीं खोलते।
9. इनको जबरदस्ती तारीफ चाहिए।
10. इनसे पंगा लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
11. विरोध मौका देखकर करते हैं।
12. सुन भले ही लें आपकी लेकिन करेंगे मन की ही।
13. ये दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं।
14. प्यार में लेकर भी वार करते हैं।
15. दोंनों ही रौब से काम लेते हैं।
16. अपना राज इन्हें बताना खतरनाक साबित हो सकता है।
17. इनकी नजर जेब पर ही रहती है।
इन के अतिरिक्त यदि आप को भी कोई समानता दिखे तो कृपया बतावें |
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
प्रणाम |
क्या आप जानते है कि पुलिस और पत्नी में कुछ समानताऐं पाई जाती हैं ... आइये आपको बताते हैं ...
1. ना इनकी दोस्ती अच्छी और ना ही दुश्मनी।
2. इनसे बनाकर रखना मजबूरी है।
3. इनका पता नहीं कब बिगङ जाऐं।
4. अगर ये प्यार से बात करे तो अलर्ट हो जाऐं।
5. दोंनों ही खतरनाक धमकी देते हैं।
6. इनसे बहस में जीतना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
7. ये पहला हिसाब याद रखते हैं।
8. अपने राज कभी नहीं खोलते।
9. इनको जबरदस्ती तारीफ चाहिए।
10. इनसे पंगा लेना खतरनाक साबित हो सकता है।
11. विरोध मौका देखकर करते हैं।
12. सुन भले ही लें आपकी लेकिन करेंगे मन की ही।
13. ये दुश्मन से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकते हैं।
14. प्यार में लेकर भी वार करते हैं।
15. दोंनों ही रौब से काम लेते हैं।
16. अपना राज इन्हें बताना खतरनाक साबित हो सकता है।
17. इनकी नजर जेब पर ही रहती है।
इन के अतिरिक्त यदि आप को भी कोई समानता दिखे तो कृपया बतावें |
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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पहले स्वयं को जाँच ले की हम कितने प्राकृतिक कर्म करतें हैं --------mangopeople
मोल्ठी #2 :बस्ग्याल तभी मनेलु जब छोया फुट्ला(बरसात तभी मानी जायेगी जब छोया फूटेंगे)
खामोशियों की जुबान
सखी री मैं उनकी दिवानी
अमर शहीद कैप्टन विक्रम 'शेरशाह' बत्रा जी की ४४ वीं जयंती
घुटने के दर्द ,सूजन से मुक्ति के उपाय
428. भाषा
दिवालिया दिल
खमोशी : हलचल
गिरकर उठने का सुख !
धिना धिन धा !!
ज़िन्दगी आग हैं पानी डालते रहिये
" ज़िंदगी का तर्जुमा ....."
सुनो मेरे मन मितवा
बंधन
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
12 टिप्पणियाँ:
पिटवाओ क्या? समानता होगी भी तो कौन रिस्क ले? पत्नियाँ भी देखती हैंं ब्लॉग बुलेटिन।
:) सुन्दर बुलेटिन।
सुप्रभात,
समानताये काफी रोचक और मज़ेदार गिनवाई हैं।पूरा ब्लॉग बुलेटिन ग़ज़ब हैं।
बहुत सुंदर। धन्यबाद।
जय जय हो।
पुलिस से तो एक बार बच सकते हो,पत्नी से नहीं।
पुलिस और बीवी में एक और समानता है। मुसीबत के वक्त वही काम आते हैं। बाकी पढकर तो हँसी आ गई थी। सारी रोचक समानताएं हैं।
रोचक संकलन। मेरी रचना को शामिल करने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
duibaat.blogspot.com
सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति बहुत बहुत आभार मेरी रचना को बुलेटिन में स्थान देकर मेरा उत्साह बढ़ाने के लिए 🙏
सुन्दर बुलेटिन
बिना पुलिस और पत्नी के कोई सुरक्षित भी तो नहीं रह सकता है और समय कैसा भी हो यही काम आते हैं
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
बहुत सुंदर बुलेटिन। आदरणीय शिवम मिश्रा जी का चिरपरिचित अंदाज, हास्य विनोद से अंक की शुरूआत। मुझे बहुत अच्छा लगा। लोगों को पत्नी और पुलिस में समानताएँ पता होनी चाहिए। नहीं पता हों तो खोजनी चाहिएँ। मेरी रचना को स्थान देने के लिए सादर धन्यवाद।
मेरी पोस्ट बुलेटिन में शामिल करने के लिए धन्यवाद
सादर आभार आपका शिवम जी आपके ब्लॉग पर
आकर अच्छा लगा आपने रोचक शैली में पुलिस व
पत्नी की समानताएं बताई वे बहुत बढिया है मेरी रचना को सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!