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शनिवार, 27 अगस्त 2016

ऋषिकेश मुखर्जी और मुकेश - ब्लॉग बुलेटिन

सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।


ऋषिकेश मुखर्जी
मुकेश
आज हिंदी फिल्म जगत के दो महान कलाकारों की पुण्यतिथि है एक हैं महान फिल्म निर्माता- निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी और दूसरे हैं महान गायक मुकेश। हिंदी फिल्म जगत में इन दोनों ही महान शख्सियतों ने अपना अतुलनीय और सराहनीय योगदान दिया। ऋषिकेश मुखर्जी और मुकेश ने एक साथ केवल दो फिल्मों में काम किया है और वो फिल्म है अनाड़ी (1959) और आनंद(1971)। इन दोनों ही फिल्म के गाने उस दौर में काफी प्रसिद्ध हुए थे। अनाड़ी (1959) फिल्म का गीत "सब कुछ सीखा हमने" और आनंद(1971) फिल्म के दो गीत "मैंने तेरे लिए ही सात रंग के सपने चुने, सपने सुरीले सपने" तथा "कहीं दूर जब दिन ढल जाएँ"। अनाड़ी (1959) फिल्म के गीत "सब कुछ सीखा हमने" के लिए मुकेश जी को 1959 के सर्वश्रेष्ठ गायक का फ़िल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था। जबकि ऋषिकेश मुखर्जी जी को फिल्म आनंद(1971) के लिए सर्वश्रेष्ट कहानी और बेस्ट एडिटिंग का फ़िल्मफेयर पुरस्कार मिला था। इन दोनों ने ही हिंदी फिल्म जगत को असीम ऊँचाइयों तक पहुँचाया।




आज इनकी पुण्यतिथि पर पूरा हिंदी ब्लॉग जगत और हमारी ब्लॉग बुलेटिन टीम इन्हें नमन करती है और हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करती है।

सादर 


अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर...


सुनो, दाना मांझी सुनो..

दाना मांझी के नाम एक पत्र

मुर्गी, कबूतर और हैप्पी बर्थ-डे झूमा!!

आजादी का दिन 15 अगस्त कैसे तय हुआ?

प्लास्टिक को पहचानें उस पर दिए गए कोड से

पृथ्वी से मिलता जुलता नया ग्रह मिला

जंगल में भालुओं से भेंट

ये कहाँ आ गए हम ?

दाना मांझी के बहाने

ज़िंदगी कुछ नहीं कहा तूने

समाज की बहती हुई किसी धारा में क्यों नहीं बहता है बेकार की बातें फाल्तू में रोज यहाँ कहता है


आज की बुलेटिन में सिर्फ इतना ही। कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर  … अभिनन्दन।।

6 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

महान फिल्म निर्माता- निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी और महान गायक मुकेश की पुण्यतिथी पर उन्हें नमन व श्रद्धासुमन । सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हर्षवर्धन । आभार 'उलूक' के सूत्र 'समाज की धारा .. ' को स्थान देने के लिये ।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

मेरे दो प्रिय कलाकारों की स्मृतियाँ समेटे यह बुलेटिन... मेरा नमन इन दोनों को. अभी बीमारी के दौरान हृषिकेश दा की फ़िल्में देखीं... बावर्ची, चुपके चुपके, जुर्माना आदि. और फ़िल्म चुपके चुपके का मुकेश का गाया गाना - बागों में जैसे ये फूल खिलते हैं... अभी भी गूंजता है मन में!!

अजय कुमार झा ने कहा…

बहुत ही सुन्दर हर्ष ,दो दो दिग्गजों का जीवन परिचय प्रस्तावना में समेत कर अद्भुत कार्य किया आपने | पोस्ट लिंक सारे उत्तम हैं हालांकि अभी बहुत सारे और भी पढने हैं

कौशल लाल ने कहा…

उत्तम लिंक......

कविता रावत ने कहा…

महान फिल्म निर्माता- निर्देशक ऋषिकेश मुखर्जी और महान गायक मुकेश जी को श्रद्धा सुमन!
सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

Kailash Sharma ने कहा…

फिल्म जगत की दो महान हस्तियों को सादर श्रद्धासुमन...बहुत सुन्दर और सार्थक बुलेटिन...

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