प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
विधानसभा का सत्र चल रहा था कि इतने में एक विधायक, जो अपने गुस्से और सनकीपन के लिए मशहूर थे, मध्य सत्र में ही बहुत ही गुस्से में जोर-जोर से चिल्लाने लगे,
"इस सदन में बैठे आधे नेता डरपोक और भ्रष्टाचारी है!"
सदन में बैठे अन्य नेतागण जोर से चिल्लाने लगे कि या तो ये विधायक महोदय अपना बयान वापिस ले या फिर इन्हें बचे हुए सत्र से बर्खास्त कर बाहर भेज दिया जाये!
थोड़ी देर के लिए सदन में बिल्कुल सन्नाटा छा गया!
फिर वह विधायक बोले,
"ठीक है, मैं अपने शब्द वापिस लेते हुए कहता हूँ कि इस सदन में बैठे आधे नेता न तो डरपोक है और न ही भ्रष्टाचारी है!"
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
बची रहे सम्वेदना की हरीतिमा
हरित दर्शन और पढ़ाई की कठिन राह
बाढ़...फिर आना इस देश
हाइकु [बाढ़ पर ]
अँकुर-लघुकथा
घुटनों के दर्द से बचाव के आसान घरेलू उपाय...
शब्दों की तलाश
लघुत्तम मशबिराः गौरक्षकों के लिए....
मीडिया का राजनैतिक रूप
मुफ़्तिये भगत
ग्रीक म्यूजिक (यूनान ३)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
8 टिप्पणियाँ:
बहुत बहुत धन्यवाद...
बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति ...आभार !
सुन्दर बुलेटिन। कहना नहीं चाहता हूँ पर जरूरी है पोस्ट सूचना पोस्ट आफिस चिट्ठी और जवाब । बंद कीजिये । सुझाव है बस ।
शब्दों का हेरफेर कमाल का है मिश्र जी .
सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति .
आप सब का बहुत बहुत आभार |
पुलिसवाले को मामू कहने पर भड़क गया! पूछा कि मामू मतलब माँ का भाई... क्या प्रॉब्लम? जवाब.. बाप के साले को भी मामू कहते हैं!
पुलिसवाले को मामू कहने पर भड़क गया! पूछा कि मामू मतलब माँ का भाई... क्या प्रॉब्लम? जवाब.. बाप के साले को भी मामू कहते हैं!
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!