प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
प्रणाम |
महिला पहलवान साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक में भारत का पदकों का इंतजार
खत्म करते हुए 58 किग्रा वर्ग में रेपेचेज के कांस्य पदक के मुकाबले में
किर्गिस्तान की ऐसुलू ताइनीबेकोवा को हराकर कांस्य पदक दिलाया। साक्षी
ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की चौथी महिला खिलाड़ी और पहली भारतीय महिला
पहलवान बन गई। उसने कांस्य पदक के मुकाबले में खराब शुरूआत से उबरते हुए
ताइनीबेकोवा को 8-5 से शिकस्त देकर भारत के लिए कांस्य पदक जीता। साक्षी ने
महिला कुश्ती की 58 किग्रा स्पर्धा में रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक जीतकर
रियो ओलंपिक खेलों में भारत को पदक तालिका में जगह दिलाई और 11 दिन की
मायूसी के बाद भारतीय प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दिया।
इससे पहले भारोत्तोलक कर्णम मल्लेश्वरी (सिडनी 2000), मुक्केबाज एमसी
मेरीकाम (2012 लंदन), बैडमिंटन खिलाड़ी साइना नेहवाल (लंदन 2012) भारत के
लिये ओलंपिक में पदक जीतने वाली महिला खिलाड़ी हैं। पिछले 11 दिन से पदक का
इंतजार कर रहे भारतीय खेमे के लिये साक्षी का यह पदक खुशियों की सौगात
लेकर आया। साक्षी को क्वार्टर फाइनल में रूस की वालेरिया कोबलोवा के खिलाफ
2-9 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था लेकिन रूस की खिलाड़ी के फाइनल में
जगह बनाने के बाद उन्हें रेपेचेज राउंड में खेलने का मौका मिला।
दूसरे दौर के रेपेचेज मुकाबले में साक्षी का सामना मंगोलिया की ओरखोन
पुरेवदोर्ज से हुआ जिन्होंने जर्मनी की लुईसा हेल्गा गेर्डा नीमेश को 7-0
से हराकर भारतीय पहलवान से भिड़ने का हक पाया था। साक्षी ने हालांकि ओरखोन
को एकतरफा मुकाबले में 12-3 से हराकर कांस्य पदक के मुकाबले में जगह बनाई।
कांस्य पदक के मुकाबले में साक्षी की भिड़ंत किर्गिस्तान की ऐसुलू
ताइनीबेकोवा से थी। ताइनीबेकोवा के खिलाफ साक्षी की शुरुआत बेहद खराब रही
और वह पहले राउंड के बाद 0-5 से पिछड़ रही थी लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने
दूसरे राउंड में जोरदार वापसी करते हुए आठ अंक जुटाए और भारत को रियो
ओलंपिक खेलों का पहला पदक दिला दिया।
ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से हम सब साक्षी को इस एतिहासिक जीत की हार्दिक बधाइयाँ देते हैं और ठीक रक्षाबंधन के दिन मिले इस मैडल रूपी उपहार के लिए धन्यवाद कहते हैं क्यों कि यह सिर्फ़ एक मैडल भर नहीं है...१२५ करोड़ भारतीयों के आत्मसम्मान की सूनी कलाई पर एक बहन की राखी है...जियो साक्षी !!
सादर आपका
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~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
5 टिप्पणियाँ:
दूसरा मेडल भी आ रहा है इंतजार करें । बहुत सुन्दर बुलेटिन ।
ऐसे लोगों को करारा जवाब है जो आज भी बेटे बेटे की रट लगाते नहीं थकते... उन्हें देखना होगा कि कैसे बेटियां लाज रखती हैं हमारी ...
बहुत सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
बढ़िया बुलेटिन |मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सहित धन्यवाद शिवम् जी |
रचनाओं का अच्छा चयन .
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