सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
मदनलाल ढींगरा भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अप्रतिम क्रान्तिकारी थे।
वे इंग्लैण्ड में अध्ययन कर रहे थे जहाँ उन्होने विलियम हट कर्जन वायली नामक एक ब्रिटिश अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी।
यह घटना बीसवीं शताब्दी में भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन की कुछेक प्रथम घटनाओं में से एक है।
इसी क्रान्तिकारी घटना से भयाक्रान्त होकर अंग्रेजों ने मोहनदास करमचन्द गान्धी को महात्मा के वेष में दक्षिण अफ्रीका से बुलाकर भारत भिजवाने की रणनीति अपनायी |
आरम्भिक जीवन
मदनलाल ढींगरा का जन्म १८ सितम्बर,सन् १८८३ को पंजाब प्रान्त के एक सम्पन्न हिन्दू परिवार में हुआ था। उनके पिता दित्तामल जी सिविल सर्जन थे और अंग्रेजी रंग में पूरी तरह रंगे हुए थे किन्तु माताजी अत्यन्त धार्मिक एवं भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण महिला थीं।
उनका परिवार अंग्रेजों का विश्वासपात्र था और जब मदनलाल को भारतीय स्वतन्त्रता सम्बन्धी क्रान्ति के आरोप में लाहौर के एक कालेज से निकाल दिया गया तो परिवार ने मदनलाल से नाता तोड़ लिया। ( पूरा लेख यहाँ पढ़ें - अमर क्रान्तिकारी मदनलाल ढींगरा जी की १०७ वीं पुण्यतिथि )
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर....
राष्ट्रीय अस्मिता का त्यौहार - रक्षाबंधन
कलाई राखी सजे !!!
पति, पत्नी और वो का मुकदमा और 'रुस्तम'
ओलिम्पिक खेलों में स्त्रियाँ कब शामिल हुईं?
धर्मस्थलों में जाना दुश्वार होने लगा है !
जरा हट के...
इन्द्रधनुष के रंग
सेवा कृतज्ञता और क्षमा
जिन्हें नाज है हिन्द पर वो कहां हैं...
आज़ादी कैसे मनाएँ
खेल ओलंपिक और हम
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
मदनलाल ढींगरा भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के अप्रतिम क्रान्तिकारी थे।
वे इंग्लैण्ड में अध्ययन कर रहे थे जहाँ उन्होने विलियम हट कर्जन वायली नामक एक ब्रिटिश अधिकारी की गोली मारकर हत्या कर दी।
यह घटना बीसवीं शताब्दी में भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन की कुछेक प्रथम घटनाओं में से एक है।
इसी क्रान्तिकारी घटना से भयाक्रान्त होकर अंग्रेजों ने मोहनदास करमचन्द गान्धी को महात्मा के वेष में दक्षिण अफ्रीका से बुलाकर भारत भिजवाने की रणनीति अपनायी |
आरम्भिक जीवन
मदनलाल ढींगरा का जन्म १८ सितम्बर,सन् १८८३ को पंजाब प्रान्त के एक सम्पन्न हिन्दू परिवार में हुआ था। उनके पिता दित्तामल जी सिविल सर्जन थे और अंग्रेजी रंग में पूरी तरह रंगे हुए थे किन्तु माताजी अत्यन्त धार्मिक एवं भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण महिला थीं।
उनका परिवार अंग्रेजों का विश्वासपात्र था और जब मदनलाल को भारतीय स्वतन्त्रता सम्बन्धी क्रान्ति के आरोप में लाहौर के एक कालेज से निकाल दिया गया तो परिवार ने मदनलाल से नाता तोड़ लिया। ( पूरा लेख यहाँ पढ़ें - अमर क्रान्तिकारी मदनलाल ढींगरा जी की १०७ वीं पुण्यतिथि )
अमर क्रान्तिकारी मदनलाल ढींगरा जी की 107वीं पुण्यतिथि पर पूरा देश उनको याद करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता है। सादर।।
अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर....
राष्ट्रीय अस्मिता का त्यौहार - रक्षाबंधन
कलाई राखी सजे !!!
पति, पत्नी और वो का मुकदमा और 'रुस्तम'
ओलिम्पिक खेलों में स्त्रियाँ कब शामिल हुईं?
धर्मस्थलों में जाना दुश्वार होने लगा है !
जरा हट के...
इन्द्रधनुष के रंग
सेवा कृतज्ञता और क्षमा
जिन्हें नाज है हिन्द पर वो कहां हैं...
आज़ादी कैसे मनाएँ
खेल ओलंपिक और हम
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
2 टिप्पणियाँ:
राखी की शुभकामनाएं । सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हर्षवर्धन ।
रक्षा बंधन की शुभकामनायें..सुंदर सूत्रों से सजा बुलेटिन, आभार !
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