प्रिय ब्लॉगर मित्रों ,
प्रणाम !
आज आपकी खिदमत मे एक शेर अर्ज़ है ...
प्रणाम !
आज आपकी खिदमत मे एक शेर अर्ज़ है ...
" मुस्कुराने से भी होता है, ग़म-ए-दिल बयां ;
मुझे रोने की आदत हो, ये ज़रूरी तो नहीं !""
मुझे रोने की आदत हो, ये ज़रूरी तो नहीं !""
सादर आपका
लीजिये आज का बुलेटिन पेश ए खिदमत है ... पर आज सिर्फ हैडलाइंस ...
कांग्रेस के खजाने में 2008 करोड़ की राशि किस पेड़ से आई ?
लकीरें
"क्या हिन्दुस्थान में हिंदू होना गुनाह है ?" का प्रोडक्शन.
मेहनत और हिम्मत से विपरीत परिस्थितियों को भी अनुकूल बनाया जा सकता है .
छत पर अटके ख्याल....
तब होगा भगत सिंह का सच्चा सम्मान
हम देख न सके,,,
भूसा
कुछ कहते , कुछ सुनते .....ये चेहरे
बुढ़ापे का दर्द ....(आज विश्व वृद़ध जन दिवस पर)
शब्दों का मौन !!!
मेरा आलस , आपका प्रेम और यह 100
किताबों की दुनिया - 74
गुरुदेव को बधाई एवं मेरी एक गज़ल
पाँचसौवीं प्रस्तुति---केवल हैं आभास तुम्हारे
शव यात्रा : एक चिन्तन
मैं भी इक.... इंसान हूँ !!!
तश्तरी में खाना ना छोड़ क्या पेट पर अत्याचार कर लें ?
हनुमान लीला भाग-६
अक्षय विरासत
बल्लु मामा , कार्तिक मुझ से अधिक समझदार है ...
अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!
14 टिप्पणियाँ:
आज की बुलेटिन बहुत अच्छी लगी, लेकिन एक समस्या है आपकी "ये" बुलेटिन हमारे ब्लॉग डेशबोर्ड पर नज़र नहीं आयी,वो तो देव बाबा के बुलेटिन पर क्लिक किया तो आपकी आज की बुलेटिन उभर आई । आपसे निवेदन है की इस समस्या का समाधान जल्दी से करे। धन्यवाद
शेर भी अच्छा है और लिंक्स भी .
समय का सामना हौसले से हो समझदारी इसी में है ..............
अच्छे लिंक हैं।
achcha prayas hai
बहुत ही सुन्दर सूत्र सजाये हैं।
हैडलाइन तो बढिया होती है मजमून से पता लगता है कि लिफाफे में क्या है
आभार शिवम् जी .....
कुछ यादेँ हैं पास मेरे उन्ही को मैं याद करता हूँ
साधारण से हैं शब्द मेरे उन्ही में मैं बात करता हूँ||
---अकेला
सामयिक शेर में बहुत कुछ कह डाला आपने शिवम भाई । लिंक्स सुंदर पोस्टों तक ले जा रहे हैं । बहुत बढियां
इतनी सक्षिप्त और सार्थक पोस्ट अच्छी लगी
अच्छे लिंक्स की तलाश कामयाब
बढिया लिंक्स,
जब भी समय मिले, मेरे नए ब्लाग पर जरूर आएं..
http://tvstationlive.blogspot.in/2012/09/blog-post.html?spref=fb
आप सब का बहुत बहुत आभार !
बेहतरीन लिंक्स लिए आज का बुलेटिन
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!