प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर एक लघु कथा
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जिला पुस्तकालय में विश्व तम्बाकू निषेध
दिवस की संगोष्ठी में लम्बा चौड़ा भाषण देने के बाद जब ठाकुर साहब मंच से
नीचे आये तो चौबे जी बैठे दिख गए ... झट लपक लिए उनकी ओर और तपाक से बोले
...
"बोलत बोलत मौह थक गओ ... चौबे जी नेक सी कपूरी दियो ।"
थोड़ा कहा है ... आशा है आप बहुत समझेंगे |
सादर आपका
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~सुबह की सैर और तम्बाकू पसंद लोग
कविता नशा -- खुशबू
प्रदूषण घटायें - पर्यावरण बचायें
आपदा प्रबंधन !
664-हमारा हिन्दुस्तान
गीत के वटवृक्ष
अगले 5 साल मोदी-2, पूत के पाँव पालने में दिख रहे...
रेणुका सिंह की ताजपोशी कहती है अगस्त तक छत्तीसगढ़ भाजपा में हो सकते हैं आमूलचूल बदलाव
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जनसंख्या पर रोक लगाएं : एक जरूरी सा काव्य संग्रह - डॉ. वर्षा सिंह
देखो संध्या इठलाके आई
प्रेम की तलाश
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अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!