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मंगलवार, 19 मार्च 2019

किस्मत का खेल जो भी हो




किस्मत का खेल जो भी हो,
ख्वाब मेरे पलाश रहे 
अस्तित्व देवदार  ...
किस्मत अवाक हुई ! 



2 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर लड़ी सूत्रों की।

Anita ने कहा…

रंगों के उत्सव की शुभकामनायें और बधाई...सुंदर बुलेटिन..आभार !

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