प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
प्रणाम |
चुनावी माहौल है ऐसे में आज का ज्ञान राजनीति पर ही आधारित है...
राजनीति की सब से पॉज़िटिव बात :- राजनीति मे आपका कोई भी दुश्मन नहीं होता !
राजनीति की सब से नेगेटिव बात :- राजनीति मे आपका कोई भी दोस्त नहीं होता !
अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
सादर आपका
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~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~हर कोई किसी गिरोह में है फिर कैसे कहें आजादी के बाद सोच भी आज आजाद हो गयी है
नहीं का नहीं ( कविता ) डॉ लोक सेतिया
मैं शराब हूँ
दो नयन अपनी भाषा में जो कह गए....
610. परम्परा
प्रेम के कल्पवृक्ष
जाने क्यों तुमसे मिलने की आशा कम, विश्वास बहुत है
मंजिलें उनको मिलीं जो दौड़ में शामिल न थे
धूप
मुझे तुम्हारी बाहों में रहना था
आसान नहीं मर जाना
अब आज्ञा दीजिए ...
जय हिन्द !!!
4 टिप्पणियाँ:
आभार शिवम जी 'उलूक' चिंतन को जगह देने के लिये।
सुंदर प्रस्तुति
सुंदर व सार्थक प्रस्तुति। सादर बधाई।
बेहतरीन अंक
उम्दा रचनाएं
मुझे यहाँ स्थान देने के लिए आभार आदरणीय .....सादर
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