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शुक्रवार, 18 जनवरी 2019

बढ़ती ठंड और विभिन्न स्नान

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

ठण्ड बढ़ रही है। अब स्नान के निम्न प्रकारों को इस्तेमाल किया जा सकता है।

1. कंकडी स्नान: इस स्नान में पानी की बूंदों को अपने ऊपर छिडकते हुए, मुँह धोया जा सकता है।
2. नल नमस्कार स्नान: इस में आप नल को नमस्ते कर लें स्नान माना जायेगा।
3. जल स्मरण स्नान: यह उच्च कोटि का स्नान है, इसको रजाई के अन्दर रहते हुए पानी से नहाने को याद कर लो नहाया हुआ माना जायेगा।
4. स्पर्शानूभूति स्नान: इस स्नान में नहाये हुए व्यक्ति को छूकर 'त्वं स्नानम्, मम् स्नानम्' कहने से स्नान माना जायेगा।

इसके अलावा शीतकाल को देखते हुए आधुनिक स्नान भी हैं, जैसे:

1. Online Bath: कंप्यूटर पर गंगा के संगम की फोटो निकाल कर उस पर 3 बार माउस क्लिक करें और फेसबुक पर उसे Background Photo के रूप में लगाएं।
2. Mirror Bath: दर्पण में अपनी छवि को देखकर एक-एक कर तीन मग पानी शीशे पर फेंकें और हर बार "ओह्हहा" करें।
3. Virtual Bath: सूरज की ओर पीठ कर अपनी छाया पर लोटे से पानी की धार गिराएँ और जोर-जोर से "हर-हर गंगे" चिल्लाएं।

यकीनन ताजगी महसूस होगी।

सादर आपका 
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851-जाड़े की धूप

867 भारत भूमि(माधव मालती छन्द)

ज़िन्दगी

गढवाल केन्द्रीय विश्वविध्यालय के कुछ चित्र 

शिशिर

न ख़ुदा ही मिला न विसाल-ए-सनम 

शाम की आग़ोश में आमेर !

शॉल, कोट, स्वेटर और जाड़े की रात ... - डॉ. शरद सिंह

मानवता का कत्ल

व्यंग्य : आँख दिखाना

अम्मा का निजी प्रेम

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अब आज्ञा दीजिए ... 

जय हिन्द !!! 

8 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।

जयन्ती प्रसाद शर्मा ने कहा…

बहुत सुन्दर बुलेटिन।
मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद शिवम जी।

अनीता सैनी ने कहा…

बहुत ही सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति
सादर

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत सुंदर बुलेटिन प्रस्तुति शानदार रचनाएं मेरी रचना को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद शिवम् जी

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

धन्यवाद मिश्रा जी।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

Jyoti khare ने कहा…

शानदार बुलेटिन
सुंदर संयोजन
मुझे सम्मलित करने का आभार
सादर

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन में मेरी पोस्ट शामिल करने के लिए हार्दिक धन्यवाद शिवम् मिश्रा जी !

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