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रविवार, 20 जनवरी 2019

भारत के 'जेम्स बॉन्ड' को ब्लॉग बुलेटिन का सलाम

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज २० जनवरी है ... आज ही के दिन सन १९४५ में भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित कुमार डोभाल जी का जन्म उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में एक गढ़वाली परिवार में हुआ था।

अजीत कुमार डोभाल सेवानिवृत्त आई.पी.एस. एवं भारत के वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे 30 मई, 2014 से इस पद पर हैं। डोभाल भारत के पांचवें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार हैं। वे भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं जिन्हें शांतिकाल में दिया जाने वाले दूसरे सबसे बड़े पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया है। 

आइये जानते हैं डोभाल के बारे में रोचक तथ्य
  • भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई और भारतीय सुरक्षा बलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई जिसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका। इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।
  • जब 1999 में इंडियन एयरलाइंस की उड़ान आईसी-814 को काठमांडू से हाईजैक कर लिया गया था तब उन्हें भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार बनाया गया था। बाद में, इस फ्लाइट को कंधार ले जाया गया था और यात्रियों को बंधक बना लिया गया था।
  • कश्मीर में भी उन्होंने उल्लेखनीय काम किया था और उग्रवादी संगठनों में घुसपैठ कर ली थी। उन्होंने उग्रवादियों को ही शांतिरक्षक बनाकर उग्रवाद की धारा को मोड़ दिया था। उन्होंने एक प्रमुख भारत-विरोधी उग्रवादी कूका पारे को अपना सबसे बड़ा भेदिया बना लिया था।
  • अस्सी के दशक में वे उत्तर पूर्व में भी सक्रिय रहे। उस समय ललडेंगा के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट ने हिंसा और अशांति फैला रखी थी, लेकिन तब डोभाल ने ललडेंगा के सात में छह कमांडरों का विश्वास जीत लिया था और इसका नतीजा यह हुआ था कि ललडेंगा को मजबूरी में भारत सरकार के साथ शांतिविराम का विकल्प अपनाना पड़ा था।
  • डोभाल ने वर्ष 1991 में खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट द्वारा अपहरण किए गए रोमानियाई राजनयिक लिविउ राडू को बचाने की सफल योजना बनाई थी।
  • डाभोल ने पूर्वोत्तर भारत में सेना पर हुए हमले के बाद सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई और भारतीय सेना ने सीमा पार म्यांमार में कार्रवाई कर उग्रवादियों को मार गिराया। भारतीय सेना ने म्यांमार की सेना और एनएससीएन खाप्लांग गुट के बागियों सहयोग से ऑपरेशन चलाया, जिसमें करीब 30 उग्रवादी मारे गए हैं।
  • डोभाल ने पाकिस्तान और ब्रिटेन में राजनयिक जिम्मेदारियां भी संभालीं और फिर करीब एक दशक तक खुफिया ब्यूरो की ऑपरेशन शाखा का लीड किया।
  • डोभाल ने इंदिरा गांधी के साथ भी काम किया। अटल बिहारी वाजपेयी के भी संकटमोचक बने और वर्तमान में नरेंद्र मोदी के भी आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के सबसे बड़े योद्धा बने हैं।

७४ वीं वर्षगांठ के अवसर पर ब्लॉग बुलेटिन टीम और हिन्दी ब्लॉग जगत की ओर से श्री अजीत कुमार डोभाल जी को हार्दिक शुभकामनाएं |

सादर आपका

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राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत कुमार डोभाल की ७४ वीं वर्षगांठ

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अब आज्ञा दीजिए ... 

जय हिन्द !!!

5 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति।

अनीता सैनी ने कहा…

अच्छी प्रस्तुति
सादर

Rohitas Ghorela ने कहा…

पल्लवी त्रिवेदी जी की कविताएँ दिल में गहरे उतर गयी है.
जानदार प्रस्तुती.
भारत माँ के लाल को सलाम.
जय हिन्द.

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

सुंदर लिंक से सुसज्जित बुलेटिन। मेरी पोस्ट को इधर जगह देने के लिए हार्दिक आभार।

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