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गुरुवार, 10 जनवरी 2019

अदालत में फिर अटका श्रीराम जन्मभूमि मामला : ब्लॉग बुलेटिन


नमस्कार साथियो,
तारीख पे तारीख गुजरते-गुजरते आज सर्वोच्च न्यायालय में श्रीराम जन्मभूमि अधिकार का मामला आया. पिछली बार चंद सेकेण्ड की कार्यवाही के बाद मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पाँच सदस्यीय पीठ का बनाया जाना गंभीरता का सूचक जान पड़ा था. लग रहा था कि अब सुनवाई टाली न जाएगी वरन किसी दिशा की तरफ जाएगी. इसके बाद भी आज जिस तरह का प्रकरण उठाकर मामले को फिर लटकाया गया है उससे साफ़ ज़ाहिर है कि न्यायालय इस मामले को सुलझाने के मूड में दिख नहीं रहा है. हालाँकि ऐसे संकेत पहले भी दिए जा चुके थे जबकि न्याय के मंदिर में कहा जा चुका था कि श्रीराम मंदिर निर्माण का प्रकरण उनकी प्राथमिकता में नहीं है. अबकी चर्चा के दौरान मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि बेंच में शामिल जस्टिस यू०यू० ललित 1994 में कल्याण सिंह की ओर से अदालत में पेश हुए थे. इस तरह का मामला उठाने के बाद जस्टिस यू०यू० ललित ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया है. राजीव धवन द्वारा इसके साथ-साथ पीठ के तीन सदस्यीय से पाँच सदस्यीय किये जाने पर भी सवाल उठाया. 


यदि निष्पक्ष रूप से देखा जाये तो श्रीराम का सवाल महज हिन्दुओं की आस्था का सवाल नहीं वरन इस देश की संस्कृति, परम्परा का भी सवाल है. देखा जाये तो वे भारतीयता के प्रतीक हैं, भारतीय संस्कृति के मर्यादा शिखर-पुरुष हैं. विगत काफी समय से न केवल हिन्दू पक्षकारों की तरफ से वरन मुस्लिम समुदाय की तरफ से तथा बुद्धिजीवियों, राजनेताओं, कलाकारों सहित अन्य क्षेत्रों के व्यक्तित्वों की तरफ से भी बात उठाई जा रही है कि इस मुद्दे को हिन्दू-मुस्लिम का मुद्दा न बनाया जाये. बहुत से नामचीन लोगों द्वारा अपील की जा रही है कि मुस्लिम इसे देश की सांस्कृतिक एकता के लिए श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए हिन्दुओं के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े हों.

अब अगली तारीख 29 जनवरी निर्धारित की गई है. ऐसे में विचारणीय यह है कि जिस तरह से मुस्लिम पक्षकार वकील की तरफ से न्यायमूर्ति पर महज इसलिए सवाल उठाया गया कि वे किसी समय भाजपा के कल्याण सिंह की तरफ से अदालत में आये थे, क्या न्यायमूर्ति रंजन गोगोई पर उनके पिता का कांग्रेसी मुख्यमंत्री होने के कारण सवाल नहीं उठाया जा सकता? फ़िलहाल अब मामला 29 जनवरी तक सरका दिया गया है. उसके विमर्श के बीच आप आज की बुलेटिन का आनंद लीजिये.

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5 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

मेरे भगवान श्री राम। आदमी की अदालत में परेशान। सुन्दर बुलेटिन।

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत रोचक बुलेटिन..

Harsh Wardhan Jog ने कहा…

इस सुंदर बुलेटिन में 'ग्वालियर का किला' शामिल करने के लिए धन्यवाद !

Harsh Wardhan Jog ने कहा…

इस सुंदर बुलेटिन में 'ग्वालियर का किला' शामिल करने के लिए धन्यवाद !

विश्वमोहन ने कहा…

सुन्दर संकलन! जी, अत्यंत आभार आपका!!!

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