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शानी (अंग्रेज़ी: Shani, पूरा नाम: गुलशेर ख़ाँ शानी, जन्म: 16 मई, 1933; मृत्यु: 10 फ़रवरी, 1995) प्रसिद्ध कथाकार एवं साहित्य अकादमी की पत्रिका 'समकालीन भारतीय साहित्य' और 'साक्षात्कार' के संस्थापक-संपादक थे। 'नवभारत टाइम्स' में भी उन्होंने कुछ समय काम किया। अनेक भारतीय भाषाओं के अलावा रूसी, लिथुवानी, चेक और अंग्रेज़ी में भी उनकी रचनाएं अनूदित हुईं। वे मध्य प्रदेश के 'शिखर सम्मान' से अलंकृत और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पुरस्कृत हैं।
गुलशेर ख़ाँ शानी का जन्म 16 मई, 1933 को जगदलपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी लेखनी का सफ़र जगदलपुर से आरंभ कर ग्वालियर और फिर भोपाल, दिल्ली तक तय किया। वे 'मध्य प्रदेश साहित्य परिषद', भोपाल के सचिव और परिषद की साहित्यिक पत्रिका 'साक्षात्कार' के संस्थापक-संपादक रहे। दिल्ली में वे 'नवभारत टाइम्स' के सहायक संपादक भी रहे और साहित्य अकादमी से संबद्ध हो गए। साहित्य अकादमी की पत्रिका 'समकालीन भारतीय साहित्य' के भी वे संस्थापक संपादक रहे थे। इस संपूर्ण यात्रा में शानी साहित्य और प्रशासनिक पदों की उंचाईयों को निरंतर छूते रहे।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
गुलशेर ख़ाँ शानी का जन्म 16 मई, 1933 को जगदलपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी लेखनी का सफ़र जगदलपुर से आरंभ कर ग्वालियर और फिर भोपाल, दिल्ली तक तय किया। वे 'मध्य प्रदेश साहित्य परिषद', भोपाल के सचिव और परिषद की साहित्यिक पत्रिका 'साक्षात्कार' के संस्थापक-संपादक रहे। दिल्ली में वे 'नवभारत टाइम्स' के सहायक संपादक भी रहे और साहित्य अकादमी से संबद्ध हो गए। साहित्य अकादमी की पत्रिका 'समकालीन भारतीय साहित्य' के भी वे संस्थापक संपादक रहे थे। इस संपूर्ण यात्रा में शानी साहित्य और प्रशासनिक पदों की उंचाईयों को निरंतर छूते रहे।
आज शानी जी के 85वें जन्म दिवस पर हम सब उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
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खुमसुम स्तूप मतलब भूटान का गोल्डेन टेंपल
लद्दाख :- भूरे पहाड़ों ने कहा 'जुले-जुले' ....
मानवता : पृथ्वी के अतिरिक्त एक और घर की तलाश
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कर्नाटक चुनाव कार्टून: यकीन नहीे हो रहा
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आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
5 टिप्पणियाँ:
शुभ प्रभात हर्षवर्धन भाई
बढ़िया बुलेटिन
आभार
सादर
सुप्रभात, शानी जी के विषय सार्थक जानकारी के लिए शुक्रिया, उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि, पठनीय रचनाओं की जानकारी देता बुलेटिन, आभार !
बहुत कुछ है आज की बुलेटिन में। शानी जी को श्रद्धांजलि।
बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति
शानी जी को नमन। बढ़िया बुलेटिन। मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार ।
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