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गुरुवार, 26 अप्रैल 2018

मौसम से मुलाक़ात हो जाती है ...




खानाबदोश होना ही अच्छा है, बन्द घरों में अब कोई नहीं दिखता
यूँ तो चेहरे गाड़ियों में भी नज़र नहीं आते, लेकिन मौसम से मुलाक़ात हो जाती है  ... 


आर्टिस्ट
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चित्रकार लड़की ने कैनवास पर
ख्वाब का चित्र बनाया...
चूंकि मार्डन आर्ट थी पिता ने
शादी समझा!
उसने शादी को जब कैनवास पर
उकेरा....
एक आदमखोर शेर की तस्वीर उभर आई
जिसकी आंखें बेहद डरावनी थीं।
उसने आज़ादी का चित्र बनाया
लोगों ने उसे सबके लिए मौजूद समझा!
पितृसत्ता के झूठे महल में कैद राजकुमारी
की तस्वीर खंडित व्यवस्था का संस्मरण है
वे एक आवाज में बोले ये तो नारीवादी है!

2 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।

कविता रावत ने कहा…

बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति

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