सभी हिन्दी ब्लॉगर्स को मेरा सादर नमस्कार।
विश्व विरासत दिवस (अंग्रेज़ी: World Heritage Day) प्रत्येक वर्ष '18 अप्रैल' को मनाया जाता है। 'संयुक्त राष्ट्र' की संस्था यूनेस्को ने हमारे पूर्वजों की दी हुई विरासत को अनमोल मानते हुए और लोगों में इन्हें सुरक्षित और सम्भाल कर रखने के उद्देश्य से ही इस दिवस को मनाने का निर्णय लिया था। किसी भी राष्ट्र का इतिहास, उसके वर्तमान और भविष्य की नींव होता है। जिस देश का इतिहास जितना गौरवमयी होगा, वैश्विक स्तर पर उसका स्थान उतना ही ऊँचा माना जाएगा। वैसे तो बीता हुआ कल कभी वापस नहीं आता, लेकिन उस काल में बनीं इमारतें और लिखे गए साहित्य उन्हें हमेशा सजीव बनाए रखते हैं। विश्व विरासत के स्थल किसी भी राष्ट्र की सभ्यता और उसकी प्राचीन संस्कृति के महत्त्वपूर्ण परिचायक माने जाते हैं।
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
~ आज की बुलेटिन कड़ियाँ ~
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।
4 टिप्पणियाँ:
सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति।
आभार हर्षवर्धन 'उलूक' के पन्ने को भी जगह देने के लिये।
"धरती के गोल और नीले होने के सपने को
अंतरिक्ष में जा कर कहीं से चलो बेचा जाये"
बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति
उम्दा, बुलेटिन प्रसृति। मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद, हर्षवर्धन जी।
विश्व विरासत दिवस पर हर भारतीय को अपने महान अतीत को याद करके उसे संजोने का प्रयास करना है. विविधरंगी रचनाओं के सूत्र देता सुंदर बुलेटिन..मुझे भी इसमें शामिल करने के लिए आभार !
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