प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
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अगर तरबूज़ के बीज भी खरबूजे की ही तरह इकट्ठे बीच में डालते तो आपका क्या बिगड़ता!?
प्रणाम |
यूँ तो कोई भी शिकायत नहीं भगवान आपके किसी भी फैंसले से, पर ...
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अगर तरबूज़ के बीज भी खरबूजे की ही तरह इकट्ठे बीच में डालते तो आपका क्या बिगड़ता!?
सादर आपका
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आखिर कब ?
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
8 टिप्पणियाँ:
Shukriya aapka... yoon blogs ka soonapan chounkane wala hai
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
बढ़िया प्रस्तुति |मेरी रचना शामिल करेने के लिए धन्यवाद |
आप सब का बहुत बहुत आभार।
सुंदर पठनीय कड़ियां।
पठनीय संकलन ।
‘ब्लाग बुलेटिन’ के प्रति आभार ।
बहुत आभार। अब बस यहीं ब्लॉग्स देखने को मिलते हैं।
मेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में जगह देने हेतु आपका हार्दिक आभार...
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