नमस्कार साथियो,
आप सभी को विजयादशमी पर्व की मंगलकामनाएँ...
विजयादशमी या दशहरा आश्विन शुक्ल दशमी को धूमधाम
से मनाया जाता है. इस दिन राम ने रावण का वध किया था. भगवान राम माँ दुर्गा के भक्त
थे. उन्होंने युद्ध के समय नौ दिनों तक माँ दुर्गा की पूजा की और दसवें दिन रावण का
वध किया. मूलरूप से इसे क्षत्रियों का पर्व माना जाता है. क्षत्रिय इस दिन शस्त्र पूजा
करते हैं. इस दिन नीलकंठ का दर्शन बहुत शुभ माना जाता है. पारंपरिक रूप से आज भी
इस दिन रावण के साथ-साथ कुम्भकरण, मेघनाथ के पुतले बनाकर उनमें आग लगाई जाती है. इस
त्यौहार को बुराई पर अच्छाई, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक माना जाता है.
विजयादशमी के निम्न दस सूत्र स्वीकारे जाते हैं.
जिसके अनुसार यह
दस इन्द्रियों पर विजय का पर्व है.
असत्य पर सत्य की विजय का पर्व है.
बहिर्मुखता पर अंतर्मुखता की विजय का पर्व है.
अन्याय पर न्याय की विजय का पर्व है.
दुराचार पर सदाचार की विजय का पर्व है.
तमोगुण पर दैवीगुण की विजय का पर्व है.
दुष्कर्मों पर सत्कर्मों की विजय का पर्व है.
भोग पर योग की विजय का पर्व है.
असुरत्व पर देवत्व की विजय का पर्व है.
जीवत्व पर शिवत्व की विजय का पर्व है.
हम सब भी इन दस सूत्रों का अनुपालन करते हुए समाज
में लगातार विकराल रूप धारण करते रावण का नाश करें, बुराइयों का नाश करें, असत्य
का नाश करें. इस मंगलकामना सहित विजयादशमी पर्व की अलौकिकता से सजी आज की बुलेटिन
आपके समक्ष प्रस्तुत है.
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4 टिप्पणियाँ:
बहुत ही सुन्दर ब्लॉग बुलेटिन राजा साहब | सभी लिंक एक से बढ़कर एक ...विजयादशमी की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें
विजयादशमी की शुभकामनाएं । सुन्दर प्रस्तुति ।
शुभकामनाएँ!
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
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