कभी यूँ ही हम भी खो जाएँगे
तो क्या लिखने की पहचान भी शेष हो जाएगी ?
एक बार पुकारना
शायद लौट आऊँ ...
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
9 टिप्पणियाँ:
नही रश्मि दी
ब्लॉग बंद नही है बस मन नही होता कुछ पोस्ट करने का छुट पुट कुछ लिखा भी तो यहाँ पोस्ट न हुआ ।लेखन का सबसे पहला और प्रिय स्थान था अपना ब्लॉग ।
जल्द ही जीवंत करती हूँ अपनी नज्मो से अपने ब्लॉग को
शुक्रिया आपका ख्याल और याद रखने का
नही रश्मि दी
ब्लॉग बंद नही है बस मन नही होता कुछ पोस्ट करने का छुट पुट कुछ लिखा भी तो यहाँ पोस्ट न हुआ ।लेखन का सबसे पहला और प्रिय स्थान था अपना ब्लॉग ।
जल्द ही जीवंत करती हूँ अपनी नज्मो से अपने ब्लॉग को
शुक्रिया आपका ख्याल और याद रखने का
असर दिखने लगा :)
बहुत सुन्दर प्रयास ।
हमारी संवेदना के स्वर को एक अलग पहचान मिली और वहीं से मुझे चला बिहारी के रूप में ख्याति प्राप्त हुई. परेशानियों ने जकडा और चैतन्य जी का लेखन के प्रति दुराव हो गया... चूँकि हम दोनों इकट्ठा लिखते थे, इसलिए अकेले मैंने साहस भी नहीं किया. आख़िरी पोस्ट जो वहाँ है, वो हम दोनों की साझा कविता है.
आपने याद दिलाया तो मुझे याद आया!! आभार दीदी!
Waaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaaah
सुन्दर.......
अमृता भी जल्दी ही लिखेगी 😊😊😊
आशा ही कर सकते हैं कि यह सारे ब्लॉग और ब्लॉगर पुनः सक्रिय होंगे |
उतिशठ .... प्रचल का समय आया ... आशा है सब लौटेंगे
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!