स्त्री,
तुम्हें क्यूँ ज़रूरत है कैंडल मार्च की
तुम तो हमेशा से स्वयं में प्रकाशित रही हो
शिव की शक्ति
अर्धांगिनी
विघ्नहर्ता की निर्माता
...
शुम्भ निशुम्भ
महिषासुर का संहार तुमने किया
सभी देवताओं ने तुम्हें अपनी विशेषता सौंपी
फिर भी !!!
तुम्हारे एक तरफ शिव हैं,
दूसरी तरफ महिषासुर
द्वारपाल बनके गणेश खड़े हैं
फिर चिंतन कैसा ?
आगे बढ़ो
शिव को महिषासुर मत सिद्ध करो
ना ही महिषासुर को
निरर्थक हुए परिवार और समाज के लिए शिव मानो !
जब तुम विघ्नहर्ता की रचना करने की शक्ति रखती हो
आदिशक्ति रूप में न्याय कर सकती हो
तो अपने रूप को सार्थकता दो
अपनी शक्ति के प्रकाश से
अपनी गाथा लिखो
आरक्षण से अलग
गुहार से अलग
....
हमेशा याद रखो - तुम माँ हो
3 टिप्पणियाँ:
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं । सुन्दर बुलेटिन ।
बहुत बढ़िया सामयिक बुलेटिन प्रस्तुति
दिवस विशेष की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
सभी को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
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