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रविवार, 28 जून 2015

स्कूल चले हम… ब्लॉग बुलेटिन

ज सुबह उठने में देर हो गयी और फिर भारत और अमेरिका के समय के अंतर के कारण आज का रविवारी बुलेटिन थोड़ा देर हो गया लेकिन हम आ गए आज का बुलेटिन लेकर… मित्रों यह रविवार कई लोगों के लिए स्पेशल है क्योंकि गर्मियों की छुट्टियों का अंतिम रविवार है यह, बस इसी हफ्ते स्कूल खुल जायेंगे, सभी बच्चे स्कूल जाने की तैयारी करेंगे, नई नई क्लास, नई नई किताबें, नए नए दोस्त, नए शिक्षक, एक नया साल.. है न।

आज हम आपको दिखाते हैं हमारे देश में कुछ बच्चे कैसे स्कूल जाते हैं, संसाधनों के अभाव में किस प्रकार संघर्ष करते हैं लेकिन फिर भी स्कूल जाने और शिक्षा ग्रहण करने के लिए कोई भी कसर नहीं छोड़ते हैं। 










अंत में यह चित्र, यह भारत का नहीं है.. यह चित्र एवार्ड विनिंग फोटोग्राफर अम्मार अवाद ने इज़राइली और फिलिस्तीन संघर्ष के दौरान अपने आस पास की स्थिति से बेखबर एक लड़की के स्कूल जाने की फोटो है। इस फोटो ने दुनिया भर में बहुत हलचल मचाई थी.. 


सो मेरे प्यारे बच्चों स्कूल जाओं और खूब पढ़ो और खूब बढ़ो.… 

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आशा है आपको आज का रविवारी बुलेटिन अच्छा लगा होगा, मिलते हैं फिर से अगले रविवार को तबतक के लिए आप सभी को शुभकामनाएं। 

जय हिन्द 
देव 

6 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

अच्छे दिन नहीं आये हैं कहने की हिम्मत किसमें हैं ? अच्छे दिन आये हैं और बहुत सारे एक साथ आ गये हैं और अच्छे दिनों की अच्छी बुलेटिन आप ले कर आये हैं अच्छे सूत्रों के साथ देखिये शुरुआत भी आपने अच्छे दिनों के सूत्र से की है :) बहुत सुंदर बुलेटिन ।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

दुर्लभ चित्र, शानदार पोस्ट।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

दुर्लभ चित्र, शानदार पोस्ट।

शिवम् मिश्रा ने कहा…

इन बच्चों का हौसला और जज़्बा काबिल ए तारीफ़ है ... :)

बना रहे यह जज़्बा ... जय हो !!

रचना दीक्षित ने कहा…

बहुत सुन्दर चित्रों से सजी मन को छूती एक अच्छी प्रस्तुती

कविता रावत ने कहा…

माँ जी देखो बाबा देखो
बहिना मेरी रट लगाती है।
'मैं भी स्कूल चलूँगी भैय्या'
खींचकर बस्ता कहती है।।

जाकर बाजार से जल्दी
एक स्लेट-बत्ती ला दो ।
पकड़कर हाथ इसका
क ख ग घ सिखला दो।।

रात को जल्दी सुलाकर इसे
सुबह जगाना न जाना भूल।
मेरे संग उछलकूद करती
मेरी बहिना जाएगी स्कूल।।

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