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शुक्रवार, 1 जून 2018

कमजोर याददाश्त - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

एक बार एक वृद्ध दंपति को लगने लगता है कि उनकी याददाश्त कमजोर हो चली है! यह सुनिश्चित करने के लिये कि उन्हें कुछ नहीं हुआ है, वे डॉक्टर के पास जाते हैं! डॉक्टर उनका बारीकी से परीक्षण करने के बाद उन्हें बताता है की उन्हें कोई बीमारी नहीं है और बुढ़ापे में इस तरह के लक्षण स्वाभाविक हैं! उसके पश्चात डॉक्टर उन्हें महत्वपूर्ण कार्यों को लिखकर रखने की सलाह देता है ताकि वे कोई काम भूलें ना! वृद्ध दंपति डॉक्टर का धन्यवाद कर के अपने घर चले जाते हैं!

उसी रात टीवी देखते समय जब पति उठकर कहीं जाने लगता है तो पत्‍‌नी पूछती है, "कहां जा रहे हो?"

पति जवाब देता है, "रसोईघर में!"

यह सुन पत्नी कहती है, "ठीक है मेरे लिये एक कप चाय ले आना!"

पति जवाब देता है,"ठीक है, ले आऊंगा!"

तभी अचानक पत्नी अपने पति से कहती है, "मेरे ख्याल से तुम इसे नोट कर लो नहीं तो भूल जाओगे!"

पति जवाब देता है, "नहीं भूलूंगा!"

यह सुन पत्नी कहती है, " ठीक है, फिर मेरे लिए खाने को आलू चिप्स भी ले आना!"

पति जवाब देता है," ठीक है, ले आऊंगा!"

पत्‍‌नी पति से एक बार फिर आग्रह करती है, "मुझे लगता है तुम अगर लिख लो तो ठीक रहेगा!"

पति जवाब देता है, "नहीं भूलूंगा प्रिये मुझे याद है तुम्हारे लिये एक कप चाय और आलू चिप्स लाना है!"

लगभग आधे घंटे बाद पति महोदय एक कटोरी में आइसक्रीम और एक प्लेट में आमलेट लेकर वापिस आते हैं तो यह देख पत्नी चिल्लाते हुए कहती है, "देखा मैंने कहा था ना, तुम लिख लो वर्ना भूल जाओगे अब बताओ मेरा इडली साम्भर कहाँ है!"

सादर आपका
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राशिफल 

शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो आंदोलन

श्रृंगार

मेवालाल और उसका प्याज

ज्यादा मूल्यवान क्या हैं, जिंदगी या समय?

सच को संवेदनशीलता से उकेरती कहानियाँ

किला गोबिंद गढ़ , अमृतसर

एक क्लास की कहानी

आज भी है बंधुआ मजदूर

हो जाये तो अच्छा

What is there in a (nick) name .....

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!! 

8 टिप्पणियाँ:

RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI' ने कहा…

शिवम् मिश्रा जी , आभार, सदैव की भाँती, मन को गुदगुदाती पृष्भूमि के साथ सुन्दर प्रस्तुति। इस चर्चा में सम्मलित सभी रचनाकारों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएँ।

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

लगता है बुढ़ापे में यादाश्त खोने के भी अपने मजे हैं :) सुन्दर प्रस्तुति।

Sadhana Vaid ने कहा…

सुन्दर सार्थक सूत्रों से सुसज्जित आज का बुलेटिन ! मेरी रचना 'श्रृंगार' को स्थान देने के लिए आपका बहुत बहुत आभार शिवम् जी !

विकास नैनवाल 'अंजान' ने कहा…

सुन्दर लिंक्स का संकलन। आभार।

Jyoti Dehliwal ने कहा…

सुंदर प्रस्तावना के साथ बढ़िया लिंक्स। मेरी रचना शामिल करने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।

गोपेश मोहन जैसवाल ने कहा…

शिवम् मिश्राजी ! अगर कोई 15 लाख देने का वादा करके भूल जाए, अगर कोई अच्छे दिन लाने का वादा करके भूल जाए, अगर कोई 'न खाऊंगा न खाने दूंगा' को भूलकर - 'मैं तुझे माल सहित उड़ जाने दूंगा' करके दिखाए तो वृद्ध दंपत्ति के भुलक्कड़ प्रसंग के हवाले उस पर छींटाकशी करना बुरी बात है.

Vijay Kumar Bohra ने कहा…

शानदार प्रस्तुति।

कविता रावत ने कहा…

कमोवेश कमजोर याददाश्त केवल बुढ़ापे तक ही सीमित नहीं है, बहुत अच्छी प्रस्तुति

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