प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |
पिछले दिनों दिल्ली से गगन शर्मा जी ने एक लतीफ़ा भेजा था ... आज की बुलेटिन की भूमिका के रूप में वही आप सब को पढ़वा रहा हूँ |
एक छात्र ने संस्कृत के शिक्षक से पूछा कि
गुरुजी
एरिक तम नपाम्रधू।
एरिक तम नपाद्यम।।
इस श्लोक का अर्थ क्या होता है।
गुरूजी ने यह श्लोक सभी संस्कृत की पुस्तकों एवं ग्रंथों में खूब ढूंढा ,
सभी संस्कृत के ज्ञाताओं से भी इस श्लोक का अर्थ पूछा,
खूब मेहनत की, रात दिन एक कर दिए
लेकिन कहीं भी इसका अर्थ उन्हें नहीं मिला
लेकिन छात्र उनसे बार बार यही प्रश्न पूछता
अब तो गुरुजी छात्र को देखकर अपना रास्ता ही बदल देते थे।
आखिर हारकर गुरुजी ने छात्र से पूछा कि बताओ यह श्लोक तुमने कहां पढ़ा
तब छात्र ने कहा कि उसने यह श्लोक प्रिंसिपल के केबिन के बाहर पढ़ा।
गुरुजी उसे तत्काल प्रिंसिपल के कैबिन की ओर ले गए
वहां छात्र ने उन्हें वह श्लोक कांच के गेट पर लिखा हुआ दिखाया....
गुरुजी ने छात्र को चप्पल टूटने तक मारा
क्योंकि वह कांच की उल्टी साइड से पढ़ रहा था
सीधी साइड पर लिखा था
धूम्रपान मत करिए।
मद्यपान मत करिए।।
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
प्रणाम |
पिछले दिनों दिल्ली से गगन शर्मा जी ने एक लतीफ़ा भेजा था ... आज की बुलेटिन की भूमिका के रूप में वही आप सब को पढ़वा रहा हूँ |
एक छात्र ने संस्कृत के शिक्षक से पूछा कि
गुरुजी
एरिक तम नपाम्रधू।
एरिक तम नपाद्यम।।
इस श्लोक का अर्थ क्या होता है।
गुरूजी ने यह श्लोक सभी संस्कृत की पुस्तकों एवं ग्रंथों में खूब ढूंढा ,
सभी संस्कृत के ज्ञाताओं से भी इस श्लोक का अर्थ पूछा,
खूब मेहनत की, रात दिन एक कर दिए
लेकिन कहीं भी इसका अर्थ उन्हें नहीं मिला
लेकिन छात्र उनसे बार बार यही प्रश्न पूछता
अब तो गुरुजी छात्र को देखकर अपना रास्ता ही बदल देते थे।
आखिर हारकर गुरुजी ने छात्र से पूछा कि बताओ यह श्लोक तुमने कहां पढ़ा
तब छात्र ने कहा कि उसने यह श्लोक प्रिंसिपल के केबिन के बाहर पढ़ा।
गुरुजी उसे तत्काल प्रिंसिपल के कैबिन की ओर ले गए
वहां छात्र ने उन्हें वह श्लोक कांच के गेट पर लिखा हुआ दिखाया....
गुरुजी ने छात्र को चप्पल टूटने तक मारा
क्योंकि वह कांच की उल्टी साइड से पढ़ रहा था
सीधी साइड पर लिखा था
धूम्रपान मत करिए।
मद्यपान मत करिए।।
सादर आपका
शिवम् मिश्रा
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पानी का भविष्य ! सिर्फ डराइये या सुझाइये नहीं कुछ अमल में भी लाइए
टेढी हुई जुबान
वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और कवि राजकिशोर का निधन
बॉलीवुड में महिला सशक्तिकरण के बीच गायब है झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर आधारित फिल्म
इसकी उसकी पूजा करने के दिन लद गये ‘उलूक’ कुछ दिन अपनी अब करवाले मंदिर संदिर हो सके कहीं तो आज और अभी दो चार छोटे बड़े बनवाले
तैयारी
जैसा देव वैसा पुजारी
सुबह की चाय में बिस्कुट डुबा कर ...
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'द ग्रेटेस्ट' मुहम्मद अली की द्वितीय पुण्यतिथि
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अब आज्ञा दीजिये ...
जय हिन्द !!!
8 टिप्पणियाँ:
waah ....
बेहतरीन बुलेटिन
सादर
वाह क्या समझाया है। हिंदी वाक्य को उल्टी ओर से पढ़ने पर संस्कृत बन जाती है। सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति में 'उलूक' की बकबक को भी जगह देने के लिये आभार शिवम जी।
मस्त बुलेटिन ...
आभार मेरी ग़ज़ल को जगह देने के लिए ...
व्हाट्सएप पर व्हाट नॉट का कमाल है !
शिवम जी आपका और ब्लॉग बुलेटिन का आभार
उल्टा पढ़ा तो बुद्धि तो चकरायेगी ही ...
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति
आप सब का बहुत बहुत आभार |
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