Subscribe:

Ads 468x60px

कुल पेज दृश्य

सोमवार, 12 सितंबर 2016

ब्लॉग बुलेटिन - पुण्यतिथि ~ चन्द्रधर 'शर्मा गुलेरी'

सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' ( Chandradhar Sharma 'Guleri', जन्म: 7 जुलाई, 1883 - मृत्यु: 12 सितम्बर,1922 ) हिन्दी साहित्य के प्रख्यात साहित्यकार थे। बीस वर्ष की उम्र के पहले ही उन्हें जयपुर की वेधशाला के जीर्णोद्धार तथा उससे सम्बन्धित शोधकार्य के लिए गठित मण्डल में चुन लिया गया था और कैप्टन गैरेट के साथ मिलकर उन्होंने "द जयपुर ऑब्ज़रवेटरी एण्ड इट्स बिल्डर्स" शीर्षक अँग्रेज़ी ग्रन्थ की रचना की।

अपने अध्ययन काल में ही उन्होंने सन् 1900 में जयपुर में नगरी मंच की स्थापना में योगदान दिया और सन् 1902 से मासिक पत्र ‘समालोचक’ के सम्पादन का भार भी सँभाला। प्रसंगवश कुछ वर्ष काशी की नागरी प्रचारिणी सभा के सम्पादक मंडल में भी उन्हें सम्मिलित किया गया। उन्होंने देवी प्रसाद ऐतिहासिक पुस्तकमाला और सूर्य कुमारी पुस्तकमाला का सम्पादन किया और नागरी प्रचारिणी पुस्तकमाला और सूर्य कुमारी पुस्तकमाला का सम्पादन किया और नागरी प्रचारिणी सभा के सभापति भी रहे।जयपुर के राजपण्डित के कुल में जन्म लेने वाले गुलेरी जी का राजवंशों से घनिष्ठ सम्बन्ध रहा। वे पहले खेतड़ी नरेश जयसिंह के और फिर जयपुर राज्य के सामन्त-पुत्रों के अजमेर के मेयो कॉलेज में अध्ययन के दौरान उनके अभिभावक रहे। सन् 1916 में उन्होंने मेयो कॉलेज में ही संस्कृत विभाग के अध्यक्ष का पद सँभाला। सन् 1920 में पं. मदन मोहन मालवीय के प्रबंध आग्रह के कारण उन्होंने बनारस आकर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्राच्यविद्या विभाग के प्राचार्य और फिर 1922 में प्राचीन इतिहास और धर्म से सम्बद्ध मनीन्द्र चन्द्र नन्दी पीठ के प्रोफेसर का कार्यभार भी ग्रहण किया। इस बीच परिवार में अनेक दुखद घटनाओं के आघात भी उन्हें झेलने पड़े।

अपने 39 वर्ष के संक्षिप्त जीवनकाल में गुलेरी जी ने किसी स्वतन्त्र ग्रन्थ की रचना तो नहीं कि किन्तु फुटकर रूप में बहुत लिखा, अनगिनत विषयों पर लिखा और अनेक विधाओं की विशेषताओं और रूपों को समेटते-समंजित करते हुए लिखा। उनके लेखन का एक बड़ा हिस्सा जहाँ विशुद्ध अकादमिक अथवा शोधपरक है, उनकी शास्त्रज्ञता तथा पाण्डित्य का परिचायक है; वहीं, उससे भी बड़ा हिस्सा उनके खुले दिमाग, मानवतावादी दृष्टि और समकालीन समाज, धर्म राजनीति आदि से गहन सरोकार का परिचय देता है। लोक से यह सरोकार उनकी ‘पुरानी हिन्दी’ जैसी अकादमिक और ‘महर्षि च्यवन का रामायण’ जैसी शोधपरक रचनाओं तक में दिखाई देता है। इन बातों के अतिरिक्त गुलेरी जी के विचारों की आधुनिकता भी हमसे आज उनके पुराविष्कार की माँग करती है। मात्र 39 वर्ष की जीवन-अवधि को देखते हुए गुलेरी जी के लेखन का परिमाण और उनकी विषय-वस्तु तथा विधाओं का वैविध्य सचमुच विस्मयकर है। उनकी रचनाओं में कहानियाँ कथाएँ, आख्यान, ललित निबन्ध, गम्भीर विषयों पर विवेचनात्मक निबन्ध, शोधपत्र, समीक्षाएँ, सम्पादकीय टिप्पणियाँ, पत्र विधा में लिखी टिप्पणियाँ, समकालीन साहित्य, समाज, राजनीति, धर्म, विज्ञान, कला आदि पर लेख तथा वक्तव्य, वैदिक/पौराणिक साहित्य, पुरातत्त्व, भाषा आदि पर प्रबन्ध, लेख तथा टिप्पणियाँ-सभी शामिल हैं।

निबंधकार के रूप में भी चंद्रधर जी बडे प्रसिद्ध रहे हैं। इन्होंने सौ से अधिक निबंध लिखे हैं। सन् 1903 ई. में जयपुर सेजैन वैद्य के माध्यम से समालोचक पत्र प्रकाशित होना शुरू हुआ था जिसके वे संपादक रहे। इन्होंने पूरे मनोयोग से समालोचक में अपने निबंध और टिप्पणियाँ देकर जीवंत बनाए रखा। चंद्रधर के निबंध विषय अधिकतर - इतिहास,दर्शन, धर्म, मनोविज्ञान और पुरातत्त्व संबंधी ही हैं।

प्रतिभा के धनी चन्द्रधर शर्मा गुलेरी ने अपने अभ्यास सेसंस्कृत, हिन्दी, अंग्रेज़ी, पालि, प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओं पर असाधारण अधिकार प्राप्त किया। उन्हें मराठी, बंगला, लैटिन, फ़्रैंच, जर्मन आदि भाषाओं की भी अच्छी जानकारी थी। उनके अध्ययन का क्षेत्र बहुत विस्तृत था। साहित्य, दर्शन, भाषा विज्ञान, प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्त्व ज्योतिष सभी विषयों के वे विद्वान थे। इनमें से कोई विषय ऐसा नहीं था, जिस पर गुलेरी जी ने साधिकार लिखा न हो। वे अपनी रचनाओं में स्थल-स्थल पर वेद, उपनिषद, सूत्र, पुराण,रामायण, महाभारत के संदर्भों का संकेत दिया करते थे। इसीलिए इन ग्रन्थों से परिचित पाठक ही उनकी रचनाओं को भली-भाँति समझ सकता था। ग्रन्थ रचना की अपेक्षा स्फुट के रूप में ही उन्होंने अधिक साहित्य सृजन किया।

चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की हिन्दी साहित्य में सबसे अधिक ख्याति 1915 में ‘सरस्वती’ मासिक में प्रकाशित कहानी ‘उसने कहा था’ के कारण हुई। यह कहानी शिल्प और विषय-वस्तु की दृष्टि से आज भी ‘मील का पत्थर’ मानी जाती है।

चन्द्रधर शर्मा गुलेरी की मृत्यु 12 सितम्बर 1922 ई. में काशी में हुई।

( जानकारी और चित्र स्त्रोत - http://bharatdiscovery.org/india/चन्द्रधर_शर्मा_गुलेरी )


आज चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' जी की 94वीं पुण्यतिथि पर हम सब उन्हें नमन करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते है।


अब चलते हैं आज की बुलेटिन की ओर ...


भाषा सीखना और भाषा जीना एक-दूसरे से भिन्न है

हिंदी के नाम पर महज मजाक ही नहीं लगता यह ...

पैसा, प्यार, पावर, प्रसिद्धि, पाप-पुण्य और परिस्थिति

दो पहाड़ियों के बीच हवा में बहता पानी

द होम एंड द वर्ल्ड

एस्सी : लघुकथा

लायंस क्लब क्या है?

भारत रत्न नेल्सन मंडेला का प्रेरणादायक भाषण

वॉट्सऐप ग्रुप invite लिंक कैसे बनाये हिन्दी में

मरने पर मिलेंगे

देखते है कि आपका मुँह खुलेगा भी या नहीं

कठिन श्रम, छोटा बाजार


आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर ... अभिनन्दन।।

23 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' जी की 94वीं पुण्यतिथि पर उन्हें नमन । बहुत सुन्दर प्रस्तुति हर्षवर्धन ।

कविता रावत ने कहा…

बहुत बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
गुलेरी जी की पुण्यतिथि पर नमन ।

गिरिजा कुलश्रेष्ठ ने कहा…

गुलेरी जी के बारे में इतने विस्तार से पहली बार पढ़ने मिला है . धन्यवाद हर्षवर्धन जी .

राजा कुमारेन्द्र सिंह सेंगर ने कहा…

कहा जाता है कि उनके तिलिस्मी उपन्यास को पढ़ने के लिए उस समय लोगों ने हिन्दी सीखी
सुन्दर प्रस्तुति

Jack ने कहा…

nice post sad quotes in hindi

Jack ने कहा…

thanks for sharing great post. Minecraft APK

Unknown ने कहा…

Nice
Loanonline24.com

Er. Masroor ने कहा…

Usually, I never comment on blogs but your article is so convincing that I never stop myself to say something about it. You’re doing a great job Man, Keep it up. �� �� % surely I will share your post on YouTube, & Social media with my friends and family…
What dinosaur has 500 teeth and thanks ...

Faizan ALi ने कहा…

Nice information... Good job keep it up... Thanks for sharing.

New Year Quotes in Hindi

Faizan ALi ने कहा…

गुलेरी जी के बारे में इतने विस्तार से पहली बार पढ़ने मिला है .धन्यवाद हर्षवर्धन जी.

Sad Quotes in Hindi

Quotes Ful Pro ने कहा…

I found that this post is really amazing and awesome...love your work..keep up good works..!

Eyes Quotes
Ayn Rand Quotes

Peacoock News ने कहा…

Sad Quotes

Unknown ने कहा…

red rose Good Morning Images is a new day begins in the morning by telling your friends, loved ones and others how much you love them and why you love them, it is a good time to prepare yourself for that day. .

Azad ने कहा…

Your article writing skill is such amazing keep it up the good content. Waqat Shayari

Rafi ने कहा…

अच्छा लेख साझा करने के लिए धन्यवाद इसे जारी रखें जन्मदिन की शुभकामनाएं यहां प्राप्त करें brother birthday wisehs and motivational status.

Nick ने कहा…

NIce blog, please checkout best collection of attitude status killer attitude status

Nick ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Admin ने कहा…

Downloa the best mod apk on one click quotes in one click thanks

free news ने कहा…

Download the best status on one click drama in one click thanks

Faizan ALi ने कहा…

Great work

Online paise kaise kamaye

ikonikportal ने कहा…

Selfish Fake Relationship Quotes in Tamil

ginii05 ने कहा…

Very amazing information. Thanks for sharing it.
Real Girl Pic

ginii05 ने कहा…

चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। उनकी लेखनी, विशेषकर "उसने कहा था" की अनमोल कहानी, आज भी साहित्य के शिखर पर चमकती है। उनकी विविधताओं से भरी साहित्यिक यात्रा और विद्वत्ता को सादर नमन। ringtonesdownload.site

एक टिप्पणी भेजें

बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!

लेखागार