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शुक्रवार, 2 सितंबर 2016

नाम में क्या रखा है!?

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

हम लोग अक्सर सुनते हैं कि शेक्सपियर साहब ने कहा था कि,"नाम में क्या रखा है !!" ... पर आज आपको एक किस्सा पढ़वा रहा हूँ जो अगर शेक्सपियर साहब ने पढ़ा होता तो अपनी राय बदल लेते |

तो साहब लीजिये पेश है वो किस्सा ...
 
एक घर में 4 बहनें थी।

एक का नाम था टूटेली,

दूसरी का नाम था फटेली,

तीसरी का नाम था सड़ेली,

चौथी का नाम था मरेली।

एक दिन उनके घर पर मेहमान आए।

मम्मी ने, पूछा: आप उपर कुर्सी पर बैठेंगे या नीचे चटाई पर?

मेहमान: कुर्सी पर।

मम्मी: टूटेली! कुर्सी लेकर आओ।

मेहमान: नहीं - नहीं ठीक है, हम चटाई पर ही बैठ जाएँगे।

मम्मी: फटेली! चटाई लेकर आओ।

मेहमान: रहने दीजिए हम ज़मीन पर ही बैठ जाएँगे।

(मेहमान ज़मीन पर बैठ गये।)

मम्मी: आप चाय पीएँगे या दूध?

मेहमान: चाय।

मम्मी: सड़ेली! चाय लेकर आओ।

मेहमान: नहीं - नहीं, हम दूध ही पी लेंगे।

मम्मी: मरेली! गाय का दूध लेके आओ।

मेहमान कन्फ्यूज़ हो गया और घर से बाहर भाग गया!
 
सादर आपका

10 टिप्पणियाँ:

कविता रावत ने कहा…

टूटेली, फटेली,सड़ेली और मरेली ने तो मेहमान को भगा ही दिया लेकिन हमारी तो हंसी रूकती ही नहीं ...
रोचक प्रसंग के साथ सार्थक बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रस्तुति ।

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

नाम सोचा ही न था, है कि नहीं
'अमाँ' कहके बुला लिया इक ने
'ए जी' कहके बुलाया दूजे ने
'अबे ओ' यार लोग कहते हैं
जो भी यूँ जिस किसी के जी आया
उसने वैसे ही बस पुकार लिया
तुमने इक मोड़ पर अचानक
मुझको 'गुलज़ार' कहके दी आवाज़
एक सीपी से खुल गया मोती
मुझको इक मानी मिल गए जैसे
आह, यह नाम ख़ूबसूरत है
फिर मुझे नाम से बुलाओ तो!

मैंने भी एक पोस्ट बहुत पहले नाम के ऊपर लिखी थी! अच्छा है!!

संध्या शर्मा ने कहा…

शानदार प्रसंग के साथ सार्थक लिंक संयोजन हेतु आभार...

संध्या शर्मा ने कहा…

शानदार प्रसंग के साथ सार्थक लिंक संयोजन हेतु आभार...

Anupam Karn ने कहा…

पुरानी पर प्रसंगक!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

अच्छी कहानी है ... और अच्छा संकलन आज का ....

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

मजेदार कहानी!
सुंदर लिंक संयोजन !
मेरी पोस्ट को स्थान देने का आभार !!!

~सादर
अनिता ललित

Unknown ने कहा…

रोचक प्रसंग
शानदार संयोजन
सादर

कौशल लाल ने कहा…

बहुत सुन्दर ....

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