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गुरुवार, 8 सितंबर 2016

विरोध के बाद भी चमका जिनका सितारा - ब्लॉग बुलेटिन

नमस्कार दोस्तो,
आज 8 सितम्बर का दिन दो ऐसे दिग्गजों से जुड़ा हुआ है जो अपने परिजनों के विरोध के बाद भी अपने-अपने क्षेत्र में अपने आपको स्थापित करने में सफल रहे. ये व्यक्तित्व राजनीति में फ़िरोज़ गाँधी और फिल्मों में आशा भोंसले हैं. आज फ़िरोज़ गाँधी की पुण्यतिथि और आशा भोंसले का जन्मदिन है.

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फ़िरोज़ गाँधी 
प्रसिद्द स्वतंत्रता सेनानी फ़ीरोज़ गाँधी का जन्म 12 सितम्बर 1912 को मुम्बई में पारसी परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम जहाँगीर एवं माता का नाम रतिमाई था. सन 1915 में अपनी माँ के साथ इलाहाबाद आने पर उनकी आरम्भिक शिक्षा-दीक्षा इलाहाबाद में हुई. आगे के अध्ययन के लिए सन 1935 में लंदन गए और स्कूल ऑफ़ इकोनोमिक्स से अंतर्राष्ट्रीय क़ानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की. स्वतंत्रता संग्राम की गतिविधियों का केन्द्र होने के कारण उनका संपर्क नेहरू परिवार से हुआ. उन्होंने सन 1928 में साइमन कमीशन के बहिष्कार में भाग लिया तथा 1930-1932 के आन्दोलन में जेल की सज़ा काटी. सन 1942 में भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान भी उनको गिरफ़्तार किया गया. इंदिरा गाँधी की माँ कमला नेहरू, जो क्षय रोग से पीड़ित थीं, की भारत और जर्मनी के चिकित्सालयों में उन्होंने बड़ी सेवा की. उसी समय उनका और इंदिरा जी का सम्पर्क हुआ तथा सन 1942 में दोनों का विवाह हुआ.

वे सन 1952 के प्रथम आम चुनाव में तथा सन 1957 में लोकसभा के सदस्य चुने गए. उन्होंने संसद में भ्रष्टाचार के कई मामले उठाए. वे नेहरू परिवार से अपने सम्बन्धों की परवाह किए बिना प्रधानमंत्री की कई नीतियों, विशेषत: औद्योगिक नीतियों की कटु आलोचना करते थे. इंदिरा जी का अधिकांश समय नेहरू जी की देख-रेख में बीतने के चलते दोनों के दाम्पत्य जीवन में व्यवधान आने लगा. सन 1956 में फ़िरोज़ गांधी ने प्रधानमंत्री निवास में रहना छोड़ दिया और सांसद के साधारण मकान में अकेले ही रहने लगे. उनके दोनों पुत्र राजीव गाँधी और संजय गाँधी भी अपनी माँ के साथ प्रधानमंत्री निवास में ही रहते थे. फ़ीरोज़ गाँधी को दिल का दौरा पड़ा और 8 सितम्बर 1960 को उनका देहान्त हो गया.

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आशा भोंसले 
प्रसिद्द पार्श्वगायिका आशा भोंसले का जन्म 8 सितम्बर 1933 को महाराष्ट्र के सांगली में हुआ था. वे प्रसिद्ध गायक एवं नायक दीनानाथ मंगेशकर की पुत्री और मशहूर पार्श्वगायिका लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं. वे जब 9 वर्ष की थीं तब इनके पिता की मृत्यु हो गई. पिता की मृत्यु पश्चात् उनका परिवार बम्बई आ गया. परिवार की आर्थिक मदद के लिए आशा भोंसले और लता मंगेशकर फिल्मों में आ गईं. सन 1943 में आशा भोंसले जी ने अपनी पहली फ़िल्म (मराठी) माझा बाळ में गीत गाया. उनकी पहली हिन्दी फ़िल्म चुनरिया (1948) थी. इन्होंने 14 से ज़्यादा भाषाओं जैसेमराठी, असमिया, हिन्दी, उर्दू, तेलुगु, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, तमिल, मलयालम, अंग्रेज़ी, रशियन, नेपाली, मलय आदि में गीत गाये. इनके गीतों में फ़िल्म संगीत, पॉप, ग़ज़ल, भजन, भारतीय शास्त्रीय संगीत, क्षेत्रीय गीत, कव्वाली, रवीन्द्र संगीत और नजरूल गीत सम्मिलित हैं. उन्होंने फ़िल्मी और ग़ैरफ़िल्मी लगभग 16 हज़ार गाने गाए हैं. उनका नाम दुनिया में संगीत की 20 शीर्ष हस्तियों में शामिल किया गया है. वे पहली भारतीय गायिका हैं जिनको (उस्ताद अली अकबर ख़ान के साथ एक विशेष एलबम के लिए) सन 1997 में ग्रेमी अवार्ड के लिए नामांकित किया गया था.

आशा जी को सन 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया. भारतीय सिनेमा में उत्कृष्ट योगदान के लिए सन् 2000 में दादा साहेब फाल्के अवार्ड तथा सन 2001 में फ़िल्म फेयर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया. इसके साथ उनको दो बार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है.

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फ़िरोज़ गाँधी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए तथा आशा भोंसले को शुभकामनाओं सहित आज की बुलेटिन आपके समक्ष प्रस्तुत है.

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4 टिप्पणियाँ:

कविता रावत ने कहा…

फ़िरोज़ गाँधी जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धासुमन।
बहुत अच्छी जानकारी के साथ सुन्दर बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!
आशा भोंसले जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामना!

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

अच्छी बुलेटिन...! फिरोज गांधी को श्रद्धांजलि और आशा भोंसले की तो बात ही अलग है! सदाबहार आवाज़!

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति ।

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आशा जी को जनम दिन की शुभकामनाएँ ... फ़िरोज़ गांधी को नमन ... अच्छा बुलेटिन है ... अच्छे सूत्र ... आभार मेरी ग़ज़ल को शामिल करने का ...

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