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रविवार, 5 जून 2016

विश्व पर्यावरण दिवस - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रो ,
प्रणाम !

आज विश्व पर्यावरण दिवस है |

वैज्ञानिकों का कहना है कि हर कोई अपने स्तर से प्रयास करे, तो ग्लोबल वार्रि्मग के बढ़ते दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है और हम अपने इस पर्यावरण की रक्षा मे सफल हो सकते है !
यहाँ दिए गए कुछ छोटी छोटी पर बेहद जरूरी बातों का अगर हम सब ख्याल रखे तो हम भी इस मुहीम में अपना योगदान कर सकते है !

[1. बात बिजली की]
बिजली का कोई भी उपकरण जिसे आप इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं, उसको स्विच ऑफ करने के साथ ही उसका प्लग निकाल दें, जैसे मिक्सी, वाशिंग मशीन, टीवी, सेलफोन चार्जर, कंप्यूटर आदि। कारण, स्विच ऑफ होने पर भी ये बिजली खर्च करते रहते हैं।
[2. बह जाए पानी]
घर के किसी भी हिस्से में लगा कोई नल या पाइप लीक कर रहा है, तो उसे तुरंत ठीक करवाएं। ब्रश करते समय वॉश बेसिन में फालतू पानी न बहाएं। जहां तक संभव हो शॉवर का प्रयोग करने से बचें। शॉवर के स्थान पर बाल्टी का प्रयोग करें।
[3. रिचार्जेबल बैटरी]
शायद आपको पता नहीं होगा कि विभिन्न उपकरणों में प्रयोग होने वाली बैटरियां मिट्टी में दबने पर भी एसिड का रिसाव करती रहती हैं। अत: नार्मल बैटरियों के स्थान पर रिचार्ज होने वाली बैटरियों का प्रयोग करें।
[4. सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल]
क्या आप कम दूरी के लिए अपनी मोटरसाइकिल या कार का प्रयोग कर करते हैं? बच्चों के स्कूल में बस की सुविधा होने पर भी केवल स्टेटस दिखाने के लिए आप उन्हें निजी गाड़ी से भेजते ? जहां तक संभव हो निजी वाहनों का प्रयोग करने से बचें। हो सके तो पैदल चलने की आदत भी डालें।
[5. पेंट करवा रहे हैं]
ऑयल बेस्ड पेंट के स्थान पर लेटेक्स पेंट्स का इस्तेमाल करें। कारण, ऑयल बेस्ड पेंट अत्यधिक टॉक्सिक होता है एवं इसकी मैन्यूफैक्चरिंग में भी काफी नुकसानदेह प्रदूषणकारी तत्व निकलते हैं।
[6. डिस्पोजेबल से बचाव]
हम अपनी जरूरतों के लिए प्रकृति पर निर्भर हैं, पर ईकोलॉजिकल फुटप्रिंट का ध्यान रखना भी जरूरी है। ग्लोबल वार्रि्मग पर अंकुश लगाने के लिए इसमें कमी लानी होगी। इसका एक उपाय है डिस्पोजेबल वस्तुओं जैसे प्लास्टिक बैग्स, डिस्पोजेबल डायपर्स, प्लेट, चम्मच, गिलास इत्यादि के इस्तेमाल से बचें। पेपर नैपकिन के बजाय कपड़े के नैपकिन, यूज एंड थ्रो पेन के बजाय मेटल बॉडी पेन, पॉलीथिन बैग्स के बजाय कपड़े के थैलों इत्यादि का इस्तेमाल करें।
[7. नया वाहन]
यदि आप नई गाड़ी खरीदने जा रहे हैं, तो कोशिश करें कि ऐसी गाड़ी खरीदें, जो पेट्रोल या डीजल से चलने के साथ-साथ गैस से भी चले। पेट्रोल और डीजल के प्रयोग से निकलने वाला कॉर्बन वातावरण को दूषित करता है।
[8. सीएफल या एलईडी]
रोशनी के लिए घर में साधारण बल्ब और ट्यूबलाइट का प्रयोग करने के स्थान पर सीएफएल या एलईडी लाइट का प्रयोग करें। इससे वातावरण कम गर्म होता है।
[9. छिलकों में है बड़ा दम]
घर में प्रतिदिन निकलने वाले सब्जियों और फलों के छिलकों को कूड़े में फेंकने के स्थान पर किसी साफ जगह एकत्र कर लें। बाद में इन्हें किसी जानवरों के खाने के लिए डाल दें। यदि ऐसा करना संभव न हो, तो मिट्टी युक्त किसी गमले में डालें। इनसे प्राकृतिक खाद बन जाएगी।
[10. प्राकृतिक रोशनी]
घर बनवाते समय इस बात का ध्यान रखें कि प्रत्येक कमरे में अधिक से अधिक प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा आने की व्यवस्था हो। इससे घर का वातावरण स्वच्छ रहेगा और हर समय बिजली की जरूरत भी नहीं पड़ेगी।
[11. दूर रहें केमिकल से]
घर के अंदर कीड़े-मकोड़ों को मारने के लिए केमिकलयुक्त पदार्र्थो का इस्तेमाल करने के स्थान पर हर्बल वस्तुओं का प्रयोग करें। इसी प्रकार घर के लॉन और गमलों में लगे पौधों में केमिकलयुक्त कीटनाशकों का प्रयोग करने से बचें। केमिकलयुक्त कीटनाशक न केवल पेड़-पौधों के लिए नुकसानदेह होते हैं, बल्कि ये तितलियों, चिड़ियों और अन्य लाभदायक नन्हें जंतुओं के लिए भी घातक सिद्ध होते हैं, जिससे पर्यावरण में अंसतुलन पैदा होता है।
[12. पेड़-पौधे लगाएं]
घर के आसपास जैसे फुटपाथ या नजदीकी पार्क में छायादार पेड़-पौधे लगाएं। इनसे वातावरण बेहतर बनेगा। साथ ही फुर्सत के पलों में इनके नीचे आराम से आप अपना समय बिता सकेंगे ।
[13. कांच-अन्य धातु की बोतल]
फ्रिज में पानी रखने के लिए आप हर दो-चार साल में नए डिजाइन वाली प्लास्टिक की बोतलें अवश्य खरीदते होंगे। ये बोतलें स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक हैं। कारण, प्लास्टिक बनाने में प्रयोग होने वाला केमिकल पानी के संपर्क में आकर अपना दुष्प्रभाव छोड़ता है। इनके स्थान पर कांच या अन्य धातु की बोतलें प्रयोग करें।
[14. रसोई है अहम]
पर्यावरण की रक्षा में आपकी रसोई प्रमुख भूमिका निभाती है। रसोई में काम करते वक्त सारी सामग्री पहले से अपने करीब रख लें। ऐसा न हो कि गैस का चूल्हा जल रहा है और आप हींग या मेथी ढूंढ़ने में समय बर्बाद कर रहे हैं।
[15. कागज का प्रयोग]
जब तक बहुत आवश्यक न हो ई-मेल या अन्य किसी कंटेंट या फोटो का प्रिंट न कर कागज की बर्बादी रोंकें। ध्यान रखें कि यह बढि़या कागज दूसरी तरफ भी प्रयोग किया जा सकता है। इसी प्रकार डाक के लिफाफों का पुन: प्रयोग करें। रंग-बिरंगे कार्र्डो से छोटे-छोटे गिफ्ट टैग या रुपये रखने के लिए आकर्षक लिफाफे तैयार किए जा सकते हैं। कागज की बचत का मतलब है पेड़ों की रक्षा। 
आइये आज के दिन खुद से यह वादा करें कि जितना हो सकेगा ... उतना इस मुहिम मे हम अपना अपना योगदान करेंगे !
 
सादर आपका 
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यहाँ मौसम बदलते जा रहे हैं

खोयी बच्चियाँ या त्यागी या फिर अपहृत ?

अब दरख्तों को भी छाँव की जरुरत है !

सिमट-सिमट जल भरहिं तलाबा - अनुपम मिश्र

मील के पत्थर

नॉकआउट, जीवन के कारखाने में..

कटा पेड़

स्टेम सेल क्या है एवं इसका चिकित्सा विज्ञान में क्या उपयोग है?

पर्यावरण दिवस पर

नहीं रहे ‘पॉकेट हर्क्युलिस’ मनोहर आइच 

पर्यावरण संरक्षण का संदेश देती भारतीय परम्पराएं

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!! 

9 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत सुन्दर पर्यावरण दिवस बुलेटिन शिवम जी ।

Sadhana Vaid ने कहा…

सार्थक सूत्रों से सजा बहुत सुन्दर बुलेटिन ! मेरी प्रस्तुति 'कटा पेड़' को आज के बुलेटिन में सम्मिलित करने के लिये आपका हार्दिक आभार शिवम जी !

Himkar Shyam ने कहा…

सुंदर और सार्थक बुलेटिन। 'यहाँ मौसम बदलते जा रहे हैं'को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।

Himkar Shyam ने कहा…

सुंदर और सार्थक बुलेटिन। 'यहाँ मौसम बदलते जा रहे हैं'को शामिल करने के लिए हृदय से आभार।

रेखा श्रीवास्तव ने कहा…

तुम्हारे सुझावों में शादी के कार्ड का फिर से उपयोग मैं एक साल से कर रही हूँ ।

कविता रावत ने कहा…

बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

कडुवासच ने कहा…

bahut badhiyaa .....

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…

दिक्कत यही है कि इन छोटी-छोटी बातों को मामूली समझ ध्यान नहीं दिया जाता

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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