सभी ब्लॉगर मित्रों को मेरा सादर नमस्कार।
ग़ज़ल सम्राट मेहदी हसन का जन्म 18 जुलाई 1927 कोराजस्थान के झुंझुनू के लूणा गाँव में हुआ था। मेहदी हसन को संगीत विरासत में मिला। हसन मशहूर कलावंत संगीत घराने के थे। इन्हें संगीत की तालीम अपने वालिद उस्ताद अज़ीम ख़ाँ और चाचा उस्ताद इस्माइल ख़ाँ से मिली। इन दोनों की छत्रछाया में हसन ने संगीत की शिक्षा दीक्षा ली। मेहदी हसन ने बहुत छोटी उम्र में ही ध्रुपद गाना शुर कर दिया था। ग़ज़ल की दुनिया में योगदान के लिए उन्हें 'शहंशाह-ए-ग़ज़ल' की उपाधि से नवाजा गया था। भारत-पाक के बँटवारे के बाद मेहदी हसन का परिवार पाकिस्तान चला गया था। मेहदी हसन के दो विवाह हुए थे। इनके नौ बेटे और पाँच बेटियाँ हैं। उनके छह बेटे ग़ज़ल गायकी और संगीत क्षेत्र से जुड़े हैं।
[ जानकारी स्त्रोत - भारतकोश ~ मेहदी हसन ]
आज मेहदी हसन जी की 4 पुण्यतिथि पर हिंदी ब्लॉग जगत एयर ब्लॉग बुलेटिन टीम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर..
गाँव में शादी-ब्याह की रंगत
गाय
अभियान के नाम पर देह से खिलवाड़
पानी बचायें, जीवन बचायें
खजियार से पुखरी गांव की सैर
'उड़ता पंजाब' बनाम सेंसर बोर्ड
रेल के पत्थर
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर...अभिनन्दन।।
ग़ज़ल सम्राट मेहदी हसन का जन्म 18 जुलाई 1927 कोराजस्थान के झुंझुनू के लूणा गाँव में हुआ था। मेहदी हसन को संगीत विरासत में मिला। हसन मशहूर कलावंत संगीत घराने के थे। इन्हें संगीत की तालीम अपने वालिद उस्ताद अज़ीम ख़ाँ और चाचा उस्ताद इस्माइल ख़ाँ से मिली। इन दोनों की छत्रछाया में हसन ने संगीत की शिक्षा दीक्षा ली। मेहदी हसन ने बहुत छोटी उम्र में ही ध्रुपद गाना शुर कर दिया था। ग़ज़ल की दुनिया में योगदान के लिए उन्हें 'शहंशाह-ए-ग़ज़ल' की उपाधि से नवाजा गया था। भारत-पाक के बँटवारे के बाद मेहदी हसन का परिवार पाकिस्तान चला गया था। मेहदी हसन के दो विवाह हुए थे। इनके नौ बेटे और पाँच बेटियाँ हैं। उनके छह बेटे ग़ज़ल गायकी और संगीत क्षेत्र से जुड़े हैं।
[ जानकारी स्त्रोत - भारतकोश ~ मेहदी हसन ]
आज मेहदी हसन जी की 4 पुण्यतिथि पर हिंदी ब्लॉग जगत एयर ब्लॉग बुलेटिन टीम उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सादर।।
अब चलते हैं आज कि बुलेटिन की ओर..
गाँव में शादी-ब्याह की रंगत
गाय
अभियान के नाम पर देह से खिलवाड़
पानी बचायें, जीवन बचायें
खजियार से पुखरी गांव की सैर
'उड़ता पंजाब' बनाम सेंसर बोर्ड
रेल के पत्थर
आज की बुलेटिन में बस इतना ही कल फिर मिलेंगे, तब तक के लिए शुभरात्रि। सादर...अभिनन्दन।।
3 टिप्पणियाँ:
बहुत अच्छी बुलेटिन प्रस्तुति मेरी ब्लॉग पोस्ट शामिल करने हेतु आभार!
मेहदी हसन जी को हार्दिक श्रद्धांजलि!
सुन्दर प्रस्तुति । मेहदी हसन जी को श्रद्धांजलि ।
मेहदी हसन साहब को हार्दिक श्रद्धांजलि ।
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