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शुक्रवार, 17 जून 2016

सुपरहिट फिल्मों की सुपरहिट गलतियाँ - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

आज पेश है कुछ सुपरहिट फिल्मों की सुपरहिट गलतियाँ:

फ़िल्म "रा-वन" - फिल्म में शाहरुख दक्षिण भारतीय बने हैं, लेकिन जब उनकी मौत होती है तो उन्हें ईसाई परंपरा के अनुसार दफनाया जाता है, लेकिन बाद में हम देखते हैं कि उनकी अस्थियां पानी में बहाई जा रही हैं।
इस प्रकार वो सेक्युलर बन जाते हैं और सभी को खुश कर देते हैं।

फिल्म "अमर अकबर एंथोनी" - तीन लोग एक साथ एक ही महिला के लिए रक्तदान कर रहे हैं।
अरे भई विज्ञान भावनाओं से बढ़कर थोड़े ही हैं।

फिल्म "लगान" - यह फिल्म 18वीं सदी की कहानी है और उस वक्त एक ओवर में 8 गेंद हुआ करती थीं। लेकिन फिल्म में एक ओवर में 6 गेंदें दिखाई गई हैं।
शायद 8 गेंद में फिल्म और भी लंबी हो जाती।

फिल्म "बागबान" - अमिताभ बच्चन और हेमा मालिनी होली के तुरंत बाद 6 महीनों के लिए अलग हो जाते हैं। यानि मार्च से लेकर सितंबर तक के लिए। लेकिन इन्हीं 6 महीनों में वे 'वेलेंटाइन-डे' मना लेते हैं, जो कि फरवरी में आता है और 'करवाचौथ' मनाते हैं, जो अक्सर अक्टूबर में पड़ता है।
क्या करें टाइम कम था भावनायें ज्यादा।

फिल्म "प्यार तो होना ही था" - काजोल पब्लिक टॉयलेट इस्तेमाल करने के लिए रेल गाड़ी से एक स्टेशन पर उतरती है और उसकी गाड़ी छूट जाती है।
बेचारी को शायद पता नहीं होगा कि रेल गाड़ी के हर डिब्बे में चार टॉयलेट होते हैं।

फिल्म "शोले" - जया बच्चन पूरी फिल्म में लालटेन जलाती रहती हैं, क्योंकि गाँव में बिजली नहीं है।
तो भाई ये बताओ कि वीरू जिस टंकी पर चढ़कर मरने गया था उसमें बिना बिजली के पानी क्या ठाकुर चढ़ाता था?
 
अगर आप को भी ऐसी ही किसी फ़िल्म में दिखाई गई कोई गलती याद आए तो जरूर बतावें|
 
सादर आपका
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7 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

बहुत बार लिखे और बहुत बार मिटाये । फिर लगा बहुत सुन्दर बुलेटिन लिख दें बाकि बेकार है :)

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

कमाल की फिल्मी गल्तियाँ...सूत्र संयोजन बढ़िया !

Dr. Harshendra Singh Sengar ने कहा…

बहुत सही, गलतियों पर नजर.... चूक किसकी?

कविता रावत ने कहा…

फिल्मों की सुपरहिट गलतियाँ का रोचक प्रतुतिकरण के साथ बढ़िया बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार!

kuldeep thakur ने कहा…

क्या बात है सर....

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

सिनेमा की महीन ग़लतियों को पकड़ने के लिए शुक्रिया।

संतोष त्रिवेदी ने कहा…

सिनेमा की महीन ग़लतियों को पकड़ने के लिए शुक्रिया।

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