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शनिवार, 6 फ़रवरी 2016

सुपरस्टार कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग नहीं रहे - ब्लॉग बुलेटिन

प्रिय ब्लॉगर मित्रों,
प्रणाम |

देश के जाने माने कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग का आज, शनिवार, 06/02/2016 को निधन हो गया।  तैलंग ब्रेन कैंसर से पीड़ित थे। 
कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग (1960 - 06/02/2016)
वे मूल रूप से राजस्थान के बीकानेर से ताल्लुक रखते थे। 1960 में जन्मे सुधीर ने महज़ 10 वर्ष में ही पहला कार्टून बनाया था। बतौर प्रोफेशनल कार्टूनिस्ट उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1982 को मुंबई में इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया के साथ की। 
1983 में सुधीर तैलंग ने दिल्ली में नवभारत टाइम्स के साथ अपनी नई पारी शुरू की।  इसके बाद वे कई सालों तक देश के प्रतिष्ठित अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के लिए कार्टूनिस्ट के तौर पर जुड़े रहे ।
इसी दौरान अन्य अंग्रेजी दैनिक अखबारों में भी उनके बनाये कार्टून, ब्लॉग, विचार और टिप्पणियाँ समय-समय पर प्रकाशित होती रहीं। समसामयिक विषयों पर उनकी पकड़ और राजनीति मसलों पर उनके कार्टून में हमेशा से सराहे गए।
तैलंग को कार्टून क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान के लिए 2004 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया।
हाल ही में उन्होंने ‘नो, प्राइम मिनिस्टर’ शीर्षक से अपनी पुस्तक भी लांच की थी। इस पुस्तक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से जुड़े कार्टून्स की श्रृंखला शामिल थी।
उनके बनाए कुछ कार्टूनों पर एक नज़र डालिए-
दिल्ली रेप कांड और महिला सुरक्षा की खामियों पर कटाक्ष

मशहूर संगीतकार जुबेन मेहता के श्रीनगर कॉन्सर्ट और चरमपंथियों का विरोध

महिला सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर विभिन्न नेताओं के बड़बोलेपन पर कटाक्ष

2014 आम चुनावों से पहले बीजेपी की अंतर कलह

2014 आम चुनावों मे प्रचार रेस मे जुटे मोदी और केजरीवाल

अपना कार्टून बनाने पर एक कार्टूनिस्ट को जेल भेजने वाली बंगाल की मुख्यमंत्री ममता पर कटाक्ष

अर्थव्यवस्था पर प्रधानमंत्री सिंह और वितमंत्री मुखर्जी की पकड़ पर कटाक्ष   
  मशहूर कार्टूनिस्ट श्री सतीश आचार्य जी ने अपने कार्टून के माध्यम से सुधीर तैलंग साहब को अपनी श्रद्धांजली दी है|
 
 
सादर आपका
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बच्चों को पालना है चोरी-चमारी से बचाना है, इसलिए दारु नहीं पीते

परिचय से पहले बोलोगे...

सफलता की कुंजी

किस्सों की संदूकची...

कोई भी शेर मुकम्मल बहर नहीं आता ...

मुफ़्त का खाया मगर पचता नहीं

लोहे के घर से-10

'सम्वेदना की नम धरा पर' - श्रीमती आशा लता सक्सेना जी की नज़र से

तुरतुरिया: वाल्मीकि आश्रम एवं लवकुश की जन्मभूमि

फूँक-फूँक कर कदम रखना

पतंजलि की सोन पापड़ी ट्राई की क्या ?

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अब आज्ञा दीजिये ...

जय हिन्द !!! 

13 टिप्पणियाँ:

yashoda Agrawal ने कहा…

बेहतरीन रचनाएँ
कुछ तो देखी-भाली हैं
बाकी को रात में देखूँगी
सादर

yashoda Agrawal ने कहा…

सुधीर भाई नहीं रहे
अश्रुपूरित श्रद्धांजली उन्हें
वे जीवीत रहेंगे अपने बनाए
कार्टूनों के माध्यम से
सादर

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

सुधीर तैलंग जी को विनम्र श्रद्धांजलि ।

Sadhana Vaid ने कहा…

जाने माने कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग जी को भावभीनी श्रद्धांजलि ! अल्प आयु में ही उन्होंने यथेष्ट सम्मान एवं मुकाम पाया ! आज के बुलेटिन में मेरे कविता संग्रह 'सम्वेदना की नम धरा पर' की समीक्षा को सम्मिलित करने के लिये आपका हृदय से आभार शिवम जी ! धन्यवाद !

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

श्रद्धांजलि..

shikha varshney ने कहा…

सुधीर जो को विनम्र श्रीद्धांजलि।

shikha varshney ने कहा…

सुधीर जो को विनम्र श्रीद्धांजलि।

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

विनम्र श्रध्दांजलि.यादें ताजा करने के लिए आभार.

चला बिहारी ब्लॉगर बनने ने कहा…

बहुत ही दुखद!!

संध्या शर्मा ने कहा…

सुधीर तेलंगजी को विनम्र श्रद्धांजलि!

संध्या शर्मा ने कहा…

सुधीर तेलंगजी को विनम्र श्रद्धांजलि!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सुधीर जी के कार्टून बहुत तीखी और अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जाने जाते रहे हैं ... मेरी विनम्र श्रधांजलि ...
आपका आभार मुझे भी आज जगह देने के लिए ...

शिवम् मिश्रा ने कहा…

आप सब का बहुत बहुत आभार |

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