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मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

अविनाश वाचस्पति जन्म- 14 दिसंबर 1958 , शारीरिक मृत्यु- 8 फरवरी,2016





अविनाश वाचस्पति, जिन्होंने लगभग सभी साहित्यिक विधाओं में लेखन किया है परंतु व्यंग्य, कविता एवं फ़िल्म पत्रकारिता में प्रमुख उपलब्धियाँ हैं। उनकी रचनाएँ भारत तथा विदेश से प्रकाशित लगभग सभी प्रमुख हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा उनकी कविताएँ चर्चित काव्य संकलनों में संकलित की गई हैं। वे हरियाणवी फ़ीचर फ़िल्मों 'गुलाबो', 'छोटी साली' और 'ज़र, जोरू और ज़मीन' में प्रचार और जन-संपर्क तथा नेत्रदान पर बनी हिंदी टेली फ़िल्म 'ज्योति संकल्प' में सहायक निर्देशक रहे हैं। वे राष्ट्रभाषा नव-साहित्यकार परिषद और हरियाणवी फ़िल्म विकास परिषद के संस्थापकों में भी हैं। सामयिक साहित्यकार संगठन, दिल्ली तथा साहित्य कला भारती, दिल्ली में उपाध्यक्ष और केंद्रीय सचिवालय हिंदी परिषद के शाखा मंत्री पद पर भी कार्य कर चुके अविनाश संप्रति इसके आजीवन सदस्य हैं। वे सर्वोदय कन्या विद्यालय नई दिल्ली के अभिभावक शिक्षक संघ में उप-प्रधान रह चुके हैं।

अविनाश वाचस्पति "नहीं रहे"  !!! 
क्या सचमुच नहीं रहे ? 
नज़र दौड़ाइए तो आप पायेंगे यहीं कहीं, एक सोच के साथ। 

चले जाना है एक दिन सबको शरीर से बाहर 
जब तक हैं - कुछ परेशानियाँ हैं, कुछ चिंताएँ 
कुछ खामोशियाँ हैं तो कुछ ख्वाब मकसदों के हैं 
तैयारी कभी जागने की होती है 
कभी गहरी नींद सोने की !
अब नहीं उठेगा कभी ये शख्स जो चला गया 
लेकिन उसके निशानों की चहलकदमियाँ जारी हैं  ... श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनकी रचनाओं के लिंक से गुजरते हैं - जिसमें है उनकी मनःस्थिति,

अविनाश वाचस्पति: अंतिम समय - अविनाश ...(दुखद,पर उनके 

शब्दों में)




उनके ब्लॉग से मिलिए, और उनके विचार पढ़िए  ... कुछ ऐसे 
अंगूठा हूं मैं एक / ऊंगलियां चार / मिले सब हथेली हो गई तैयार / दसों से करता हूं कीबोर्ड पर वार / कीबोर्ड ही है अब मेरे लिखने का हथियारजब बांध लिया तो बन गया मुक्‍का / सकल जग की ताकत है अब चिट्ठा।


14 टिप्पणियाँ:

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

श्रद्धांजलि स्वरुप उनकी रचनाओं के लिंक साझा करने का आभार , वाकई लिखने वाला अपने शब्दों में सदा के लिए बस जाता है
सादर नमन

शिवम् मिश्रा ने कहा…

स्व॰ अविनाश वाचस्पति जी को मेरी विनम्र श्रद्धांजलि |

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून ने कहा…

अवि‍नाश एक मस्‍तमौल शख्‍़सि‍यत थे ...

कविता रावत ने कहा…

अविनाश वाचस्पति जी को श्रद्धांजलि स्वरुप बुलेटिन प्रस्तुति हेतु आभार
विनम्र श्रद्धांजलि!

Archana Chaoji ने कहा…

जब तक थे जीवंत थे ढेर सारी ऊर्जा समेटे, उथल पुथल के बीच ...
हमने एक जुझारू साथी खोया है
विनम्र श्रद्धांजलि

Archana Chaoji ने कहा…

जब तक थे जीवंत थे ढेर सारी ऊर्जा समेटे, उथल पुथल के बीच ...
हमने एक जुझारू साथी खोया है
विनम्र श्रद्धांजलि

Saras ने कहा…

ब्लॉग बुलेटिन पढ़कर उन्हें और पढ़ने की इक्षा हो रही है ...
आपकी तरफसे इससे बेहतर श्रधांजलि और क्या हो सकती है।
उनकी स्मृति को नमन

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…


अविनाश जी को विनम्र श्रद्धांजलि।

गगन शर्मा, कुछ अलग सा ने कहा…


अविनाश जी को विनम्र श्रद्धांजलि।

Vidyut Prakash Maurya ने कहा…

श्रद्धांजलि. उन्हे 20 साल से जानता था. वे ऊर्जावान शख्श थे.

shikha varshney ने कहा…

विनम्र श्रद्धांजलि

Kailash Sharma ने कहा…

अविनाश जी को विनम्र श्रद्धांजलि

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

श्रद्धांजलि ।

Sadhana Vaid ने कहा…

अविनाश वाचस्पति जी को विनम्र श्रद्धांजलि ! अपनी कालजयी रचनाओं के साथ वे युग-युग तक याद किये जायेंगे, पढ़े जायेंगे, सराहे जायेंगे और अपनी सूक्ष्म उपस्थिति से सबको अभिभूत करते रहेंगे ! उन्हें सादर नमन !

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