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मंगलवार, 2 फ़रवरी 2016

ईश्वर है




ईश्वर है - 
इसी आंतरिक विश्वास ने 
मुझे पहाड़ पर चढ़ना उतरना सिखाया 
आग पर बेबाकी से चलना सिखाया 
दुःख के पीछे कोई गूढ़ अर्थ है 
यह जाना 
गरीबी में अमीरी 
अमीरी में गरीबी 
इसके महीन मायने देखे !
ज़िन्दगी के कुछ पन्ने शेष रहे 
तो फटे पन्नों का रहस्य समझा 
जब कहीं कोई रास्ता नहीं दिखा 
तो ईश्वर को रास्ता बनाते पाया 
... 
ईश्वर है 



6 टिप्पणियाँ:

सुशील कुमार जोशी ने कहा…

ईश्वर है सत्य है और
सभी को पता भी होता है
उसके मन में क्या चल रहा है
बस यही नहीं पता होता है ।

सुन्दर प्रस्तुति ।

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

ईश्वर एक एहसास है जो अनुभूतियों के माध्यम से प्रगट होता है !
मेरी रचना को ब्लॉग बुलेटिन में सम्मिलित करने के लिए आपका आभार रश्मि प्रभा जी |

शिवम् मिश्रा ने कहा…

भगवान को आज़माने के शौक मे इंसान यह भूल जाता है कि जब उस की आजमाइश होगी तब यह शौक बहुत भारी पड़ेगा|

Unknown ने कहा…

it is a hastrekha gyan for one who want to get knowledge about the palm reading their present ,past and future..

Mereprabhu ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
Duanamaz.com ने कहा…

Darood E Jumma In Hindi जूमआ के नमाज़ के बाद पढ़े जाने वाली दरूद शरीफ
darood-e-jumma

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