शिमला भ्रमण के दौरान कार की खिड़की से खींची गयी फोटो |
सबसे पहले आपकी मुलाक़ात एक ब्लॉग से करवाने का मन है ..नाम है दानापानी |
कल की ताज़ी ताज़ी पोस्ट पर विशेष रूप से नज़र चली गयी आखिर हो भी क्यों न , अपने ही गाँव कस्बे की बात करती हुई ये पोस्ट खुद मुझे अपने इस प्रखंड के बारे में ऐसी जानकारी दे रहा था जिससे मैं खुद अनजान था | थोड़ी देर ठिठक कर टटोला तो बहुत सारा मसाला मिला मसाला यानी हिंदी अंतरजाल को समृद्ध करने वाली बेहतरीन जानकारी से भरी पोस्टें | तो आप भी फुर्सत में पढ़िए और जानिये गाँव देहात के कोनो को | हाँ फटफटिया के तौर पर मैं आपको एक लाईना सूत्र देता हूँ ........
व्यापम की अतिकथा : भीतरे भीतर बहुत व्यथाकॉपीराईट वाली मुस्कान : को आप ओ एल एक्स पर भी बेच सकते हैंबातें बेवजह :अमां कुछ तो कहनदी मर रही हैं :खुद बयां कर रही है ....
तो आज के लिए इतना ही ........................अब इजाज़त दीजीए ..............
5 टिप्पणियाँ:
सुंदर अजय जी ।
शिवम जी बताये हैं आज आप ले के आये हैं
उधर पढ़ के चिट्ठी उनकी हम दौड़ कर आये हैं
बहुत उम्दा सूत्रों के साथ बुलेटिन छपवाये हैं । :)
अलग सेे सूत्रों से सजा बुलेटिन।
वापसी पर स्वागत है अजय भाई ... :)
सुन्दर
achhi buletin..
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बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!