कुछ लिखना जिजीविषा है
अस्त होते मन का उदित क्षण है
सत्य का पिघलता ज्वार है
इसी ज्वार के पिघले पन्नों से ब्लॉग बुलेटिन जोड़ता है - कुछ पन्ने नए होते हैं, कुछ पुराने -
ब्लॉग जगत में लिखी पढी जा रही पोस्टों , उनमें दर्ज़ की जा रही टिप्पणियां ,बहस ,विमर्श ..सबको समेट कर तैयार है बुलेटिन ... ब्लॉग बुलेटिन ...
3 टिप्पणियाँ:
चाय बैठकी पसंद आई ... बढ़िया बुलेटिन
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कुछ लिखना कुछ भी लिखना
कुछ पढ़ ना कुछ तो पढ़ना ।
बहुत सुंदर बुलेटिन सुंदर प्रस्तुति ।
आप लिखती रहिए ...हम पढ़ते रहेंगे ... :)
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