प्रिये ब्लॉगर मित्रों - सादर प्रणाम
सोचा आज बहुत दिनों बाद कुछ हंसी मजाक हो जाये तो हाज़िर हूँ आपके सामने एक हंसती खिलखिलाती और गुदगुदाती सी बुलेटिन लेकर |
छगन लाल (पुत्र से)- अच्छा बताओ तो बेटे, तुम बड़े होकर क्या बनोगे ?
बेटा- पापा, मैं आपके जैसा डॉक्टर बनूंगा ।
छगन लाल खुशी से बोला- बहुत अच्छा, डॉक्टर बनकर फिर क्या करोगे ?
बेटा- सारे मरीजों को भला-चंगा कर दूंगा।
अब छगन लाल निराश होकर बोला- बेटा, फिर तो तुम इंजीनियर ही बनो।
----------------------------------------------------------------------------------------
पत्नी – ऐसा लगता है कि सामने वाले घर में मियां-बीवी के बीच झगडा हो रहा है. आप एक बार जाकर देखिये न ?
पति – मैं एक-दो बार गया था …. शायद ये उसी का नतीजा है !
----------------------------------------------------------------------------------------
संता - आज मैंने अपनी बीवी को वाचमैन के साथ पिक्चर देखने जाते हुए देखा!
बंता- तुम उनके पीछे नहीं गए?
संता- नहीं यार, दरअसल वो पिक्चर मेरी देखी हुई थी
----------------------------------------------------------------------------------------
एक शादीशुदा शायर की मुलाकात अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड से हुई । शायर ने कहा- मुलाहिजा फरमाएं! ये चांद-तारे अब अच्छे नहीं लगते, रोज-रोज के बहाने अब अच्छे नहीं लगते. खुदा करे इस साल हो जाए आपकी शादी, क्योंकि अब आप कुंवारे अच्छे नहीं लगते
गर्लफ्रेंड ने कहा- वाह वा..! वाह वा…! क्या आप करेंगे मुझसे शादी ?
----------------------------------------------------------------------------------------
संता- सुना है तुझे नौकरी से निकाल दिया?
बंता- हां, उन लोगों ने मेरे ऊपर चोरी का इल्जाम लगा दिया था ।
संता- तो तुम्हें कहना चाहिए था कि साबित करके दिखाएं?
बंता- कहा था ।
संता- फिर?
बंता- उन्होंने साबित कर दिया ।
----------------------------------------------------------------------------------------
टीचर (पिंकी से) - तुम्हारे नाना जी कहां रहते हैं?
छात्रा- सर, तिरुवनन्तपुरम में ।
टीचर- अच्छा, इसकी स्पेलिंग बताओ ।
पिंकी- सर, मुझे अभी-अभी याद आया कि वे गोवा में शिफ्ट हो गए हैं ।
----------------------------------------------------------------------------------------
संता- यार बंता क्या तुम्हें रात में मच्छर परेशान नहीं करते?
बंता- कतई नहीं
संता- भला वो कैसे? मुझे तो बहुत परेशान करते हैं ।
बंता- मैं रात को शराब पीकर जब बिस्तर पर लेटता हूं तो मच्छर मुझे घेर लेते हैं, पहले तो नशे की हालत में मुझे उनके काटने का पता नहीं चलता और जब मैं होश में आता हूं, तो वे नशे में धुत हो चुके होते हैं ।
----------------------------------------------------------------------------------------
एक कोचिंग क्लास में टीचर पढ़ा रहे थे।
उन्होंने वहां उपस्थित छात्रों से कहा- एक दिन ऐसा आएगा जब पृथ्वी पर पानी ही पानी होगा। जीव-जंतु सब नष्ट हो जाएंगे ।
छात्र - सर! उस दिन कोचिंग आना है या नहीं ?
----------------------------------------------------------------------------------------
चमेली - मां, मैं सांता से शादी नहीं करूंगी।
शीला - क्यों बेटी, क्या तेरी नजर में कोई और है?
चमेली - नहीं मां ।
शीला - क्या कोई परेशानी है?
चमेली - हां! सांता को तो स्वर्ग-नरक में विश्वास ही नहीं है।
शीला - तू घबरा मत बेटी, पहले उससे शादी तो कर ले। उसके बाद उसे स्वर्ग-नरक में विश्वास अपने आप ही हो जाएगा।
----------------------------------------------------------------------------------------
संता- यार, बंता पता है गर्लफ्रेंड और एग्जाम एक जैसे ही होते हैं
बंता- वो कैसे?
संता - दोनों ही में ढेर सारे सवाल होते हैं, ज्यादातर समझ में नहीं आते, जरूरत से ज्यादा समझाना पड़ता है और नतीजा भी एक जैसा - फेल
----------------------------------------------------------------------------------------
आज की कड़ियाँ
जीवन में हास्य-रस की उपयोगिता - सुष
कुछ खट्टा कुछ मीठ्ठा - भूपेन्द्रसिंह रओल
हास्य रस - विकास परिहार
जीवन से कुल हास्य रस, जग ले जाए छीन - रविकर
कविता की नौटंकी - शील
आशिक, माशुका और महबूब - दीपक
परेशान दशानन - सूरज सिंह
हास्यरस और श्रृंगार रस - विजयप्रकाश
मैं बल्ब और तू ट्यूब - बाल कृषण गर्ग
विलक्षण प्रतिभा के धनी थे डॉ. सुब्रह्मण्यम् चंद्रशेखर - शशांक द्विवेदी
यादों के गर्म लिहाफ़ - रश्मि शर्मा
अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
सोचा आज बहुत दिनों बाद कुछ हंसी मजाक हो जाये तो हाज़िर हूँ आपके सामने एक हंसती खिलखिलाती और गुदगुदाती सी बुलेटिन लेकर |
छगन लाल (पुत्र से)- अच्छा बताओ तो बेटे, तुम बड़े होकर क्या बनोगे ?
बेटा- पापा, मैं आपके जैसा डॉक्टर बनूंगा ।
छगन लाल खुशी से बोला- बहुत अच्छा, डॉक्टर बनकर फिर क्या करोगे ?
बेटा- सारे मरीजों को भला-चंगा कर दूंगा।
अब छगन लाल निराश होकर बोला- बेटा, फिर तो तुम इंजीनियर ही बनो।
----------------------------------------------------------------------------------------
पत्नी – ऐसा लगता है कि सामने वाले घर में मियां-बीवी के बीच झगडा हो रहा है. आप एक बार जाकर देखिये न ?
पति – मैं एक-दो बार गया था …. शायद ये उसी का नतीजा है !
----------------------------------------------------------------------------------------
संता - आज मैंने अपनी बीवी को वाचमैन के साथ पिक्चर देखने जाते हुए देखा!
बंता- तुम उनके पीछे नहीं गए?
संता- नहीं यार, दरअसल वो पिक्चर मेरी देखी हुई थी
----------------------------------------------------------------------------------------
एक शादीशुदा शायर की मुलाकात अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड से हुई । शायर ने कहा- मुलाहिजा फरमाएं! ये चांद-तारे अब अच्छे नहीं लगते, रोज-रोज के बहाने अब अच्छे नहीं लगते. खुदा करे इस साल हो जाए आपकी शादी, क्योंकि अब आप कुंवारे अच्छे नहीं लगते
गर्लफ्रेंड ने कहा- वाह वा..! वाह वा…! क्या आप करेंगे मुझसे शादी ?
----------------------------------------------------------------------------------------
संता- सुना है तुझे नौकरी से निकाल दिया?
बंता- हां, उन लोगों ने मेरे ऊपर चोरी का इल्जाम लगा दिया था ।
संता- तो तुम्हें कहना चाहिए था कि साबित करके दिखाएं?
बंता- कहा था ।
संता- फिर?
बंता- उन्होंने साबित कर दिया ।
----------------------------------------------------------------------------------------
टीचर (पिंकी से) - तुम्हारे नाना जी कहां रहते हैं?
छात्रा- सर, तिरुवनन्तपुरम में ।
टीचर- अच्छा, इसकी स्पेलिंग बताओ ।
पिंकी- सर, मुझे अभी-अभी याद आया कि वे गोवा में शिफ्ट हो गए हैं ।
----------------------------------------------------------------------------------------
संता- यार बंता क्या तुम्हें रात में मच्छर परेशान नहीं करते?
बंता- कतई नहीं
संता- भला वो कैसे? मुझे तो बहुत परेशान करते हैं ।
बंता- मैं रात को शराब पीकर जब बिस्तर पर लेटता हूं तो मच्छर मुझे घेर लेते हैं, पहले तो नशे की हालत में मुझे उनके काटने का पता नहीं चलता और जब मैं होश में आता हूं, तो वे नशे में धुत हो चुके होते हैं ।
----------------------------------------------------------------------------------------
एक कोचिंग क्लास में टीचर पढ़ा रहे थे।
उन्होंने वहां उपस्थित छात्रों से कहा- एक दिन ऐसा आएगा जब पृथ्वी पर पानी ही पानी होगा। जीव-जंतु सब नष्ट हो जाएंगे ।
छात्र - सर! उस दिन कोचिंग आना है या नहीं ?
----------------------------------------------------------------------------------------
चमेली - मां, मैं सांता से शादी नहीं करूंगी।
शीला - क्यों बेटी, क्या तेरी नजर में कोई और है?
चमेली - नहीं मां ।
शीला - क्या कोई परेशानी है?
चमेली - हां! सांता को तो स्वर्ग-नरक में विश्वास ही नहीं है।
शीला - तू घबरा मत बेटी, पहले उससे शादी तो कर ले। उसके बाद उसे स्वर्ग-नरक में विश्वास अपने आप ही हो जाएगा।
----------------------------------------------------------------------------------------
संता- यार, बंता पता है गर्लफ्रेंड और एग्जाम एक जैसे ही होते हैं
बंता- वो कैसे?
संता - दोनों ही में ढेर सारे सवाल होते हैं, ज्यादातर समझ में नहीं आते, जरूरत से ज्यादा समझाना पड़ता है और नतीजा भी एक जैसा - फेल
----------------------------------------------------------------------------------------
आज की कड़ियाँ
जीवन में हास्य-रस की उपयोगिता - सुष
कुछ खट्टा कुछ मीठ्ठा - भूपेन्द्रसिंह रओल
हास्य रस - विकास परिहार
जीवन से कुल हास्य रस, जग ले जाए छीन - रविकर
कविता की नौटंकी - शील
आशिक, माशुका और महबूब - दीपक
परेशान दशानन - सूरज सिंह
हास्यरस और श्रृंगार रस - विजयप्रकाश
मैं बल्ब और तू ट्यूब - बाल कृषण गर्ग
विलक्षण प्रतिभा के धनी थे डॉ. सुब्रह्मण्यम् चंद्रशेखर - शशांक द्विवेदी
यादों के गर्म लिहाफ़ - रश्मि शर्मा
अब इजाज़त | आज के लिए बस यहीं तक | फिर मुलाक़ात होगी | आभार
जय श्री राम | हर हर महादेव शंभू | जय बजरंगबली महाराज
9 टिप्पणियाँ:
गज़ब फव्वारा चलाया है तुषार भाई ... जय हो ... जीवन की आपा धापी मे हम सब की हँसी सच मे कहीं खोती सी जा रही है !
बहुत खूब रहा ये हास्य फव्वारा |
मेरी नई रचना:- "झारखण्ड की सैर"
बहुत खूब लगा फव्वारा...मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद
चुटकलों ने खूब हँसाया । कुछ कविताएं भी अच्छी लगी ।
achcha laga / aur hasi bhi aai khushi bhi hui ! jay ho !
बहुत ही सुन्दर बुलेटिन ,,,चुटकुलों का क्या कहना ,,,मजा आ गया ....
RECENT POST : - एक जबाब माँगा था.
सुन्दर !!
आप समस्त गुणीजन का हार्दिक शुक्रिया :)
बहुत ही सुन्दर सूत्र..
एक टिप्पणी भेजें
बुलेटिन में हम ब्लॉग जगत की तमाम गतिविधियों ,लिखा पढी , कहा सुनी , कही अनकही , बहस -विमर्श , सब लेकर आए हैं , ये एक सूत्र भर है उन पोस्टों तक आपको पहुंचाने का जो बुलेटिन लगाने वाले की नज़र में आए , यदि ये आपको कमाल की पोस्टों तक ले जाता है तो हमारा श्रम सफ़ल हुआ । आने का शुक्रिया ... एक और बात आजकल गूगल पर कुछ समस्या के चलते आप की टिप्पणीयां कभी कभी तुरंत न छप कर स्पैम मे जा रही है ... तो चिंतित न हो थोड़ी देर से सही पर आप की टिप्पणी छपेगी जरूर!